दिल्ली पुलिस ने किया अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का भंडाफोड़, पकड़ी 2500 करोड़ की हेरोइन

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दिल्ली पुलिस ने किया अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का भंडाफोड़, पकड़ी 2500 करोड़ की हेरोइन

-दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को मिली बड़ी कामयाबी, 354 किलाग्राम हेरोइन के साथ चार गिरफ्तार -आरोपियों में कश्मीर, पंजाब व अफगानिस्तान के अपराधी शामिल, मध्यप्रदेश व पाकिस्तान से भी जुड़े है तार, फरीदाबाद से की बरामद

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ड्रग्स तस्करी के एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का भंडाफोड करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की इस कार्यवाही को ड्रग्स तस्करी के खिलाफ बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। पुलिस ने इनके पास से 354 किलो अति परिष्कृत हेरोइन बरामद की है।  अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस ड्रग्स की कीमत 2500 करोड़ रुपये है। गिरफ्तार लोगों में एक अफगानी नागरिक है। इसके खिलाफ पहले से भी दिल्ली में केस चल रहा है। इसके अलावा दो लोग पंजाब के हैं और एक कश्मीर का है। इससे पहले 2019 में भी पुलिस 330 किलो हेरोइन पकड़ चुकी है जिसके आधार पर पुलिस इस गिरोह के पीछे काफी समय से लगी हुई थी।
                    पुलिस के अनुसार स्पेशल सेल ने एक अफगानी नागरिक हजरत अली और तीन अन्य आरोपी रिजवान अहमद, गुरजोत सिंह, गुरदीप सिंह को गिरफ्तार किया है. यह ड्रग रैकेट अफगानिस्तान, यूरोप और देश के कई राज्यों तक फैला हुआ है. कुल 354 किलोग्राम उच्च शुद्धता की हेरोइन और निषिद्ध ड्रग्स को तैयार करने के लिए इस्तेमाल होने करीब 100 किलोग्राम रसायन व निषिद्ध जब्त किए गए हैं. ।350 किलो हेरोइन की कीमत 2500 करोड़ रुपये की बताई जा रही है।
                        पुलिस को हाल ही में यह जानकारी मिली थी कि रिजवान अहमद उर्फ  रिजवान कश्मीरी नामक एक व्यक्ति दिल्ली और पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे कुछ अन्य राज्यों के क्षेत्र में नशीली दवाओं के कारोबार में संलिप्त है। इसके अलावा 5 जुलाई को एक विश्वसनीय सूत्र के माध्यम से विशिष्ट सूचना मिली कि रिजवान दक्षिणी दिल्ली के घिटोरनी इलाके में निषिद्ध ड्रग्स की खेप पहुंचाने के लिए जाने वाला है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए स्पेशल सेल की टीम द्वारा एक जाल बिछाया गया और संदिग्ध रिजवान अहमद उर्फ रिजवान कश्मीरी को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वह 1 किलो हेरोइन के पैकेट की डिलीवरी के लिए जा रहा था। बरामदगी के आधार पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा प्रथिमिकी रिपोर्ट 172/21 के तहत मामला दर्ज किया गया।  सिर्फ एक किलो हेरोइन की यह शुरुआती बरामदगी बाद में तफतीश के दौरान एक बहुत बड़ी खेंप का हिस्सा मालूम हुई। आगे की जांच के दौरान आरोपी रिजवान कश्मीरी से विस्तार से पूछताछ की गई। उसने खुलासा किया कि एक अफगान नागरिक ईशा खान उससे यह काम करवाता है, जो हाल ही में भारत छोड़कर अब अफगानिस्तान में छिपा हुआ है। ईशा खान ने रिजवान कश्मीरी को निर्देश दिया था कि वह पंजाब के निवासी गुरप्रीत सिंह और गुरजोत सिंह से संपर्क करें, जो वर्तमान में हरियाणा के फरीदाबाद के सेक्टर-65 की एक नामी सोसायटी से ड्रग रैकेट संचालित कर रहे हैं।
                    इस सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए रिजवान कश्मीरी के बतलायी हुई जगह पर हरियाणा के सेक्टर-65 स्थित एनएसजी विहार को-ओपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में छापेमारी कर गुरप्रीत सिंह और गुरजोत सिंह को गिरफ्तार किया गया। उनसे पूछताछ में सोसाइटी की पार्किंग में खड़ी हुई एक हुंडई वर्ना कार यूपी-15 सीडब्न्यू 6969 (166 किलाग्राम) और होंडा अमेज कार डीएल-10 सीके 0539 (115 किलोग्राम) जो सोसायटी के पार्किंग क्षेत्र में खड़ी हुई थीं से भारी मात्रा में हेरोइन बरामद हुई। इसके अलावा गुरप्रीत सिंह और गुरजोत सिंह के किराए के मकान में एक बेड में विशेष तौर पर बनाए हुए स्थान से भी 70 किलोग्राम नशीले पदार्थ/हेरोइन की बरामदगी हुई। इस तरह हेरोइन की कुल बरामदगी अब 352 ज्ञळ हो गई। लगातार पूछताछ करने पर आरोपी गुरप्रीत सिंह और गुरजोत सिंह ने खुलासा किया कि वे इस ड्रग रैकेट को वर्तमान में पुर्तगाल में छिपे हुए नवप्रीत सिंह उर्फ नव नामक रैकेट के मुखिया के निर्देशों पर संचालित कर रहे हैं। गुरप्रीत सिंह की मुलाकात नवप्रीत सिंह उर्फ नव से पंजाब की कपूरथला जेल में उस समय हुई जब वे वहां छक्च्ै के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार होने पर न्यायिक हिरासत में थे।
                     इसके अलावा रिजवान कश्मीरी के बतलाए अनुसार एक अफगानी नागरिक हजरत अली को भी हरियाणा के गुरुग्राम क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया और उसके कब्जे से भी 02 किलो हेरोइन बरामद की गई। हजरत अली से पूछताछ के आधार पर निषिद्ध पदार्थ (हेरोइन) तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लगभग 100 किलोग्राम विभिन्न रसायन भी बरामद किए गए।
पुलिस ने आरोपियों की पहचान इस प्रकार की है-
1
गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी पुत्र श्री मनमोहन सिंह निवासी गांव जमशेर खास, जालंधर, पंजाब. पहले एफआईआर नंबर 63/13 धारा 22/61/85 एनडीपीएस एक्ट और एफआईआर नंबर 181/14 धारा 27/61/85 एनडीपीएस एक्ट पीएस सदर जालंधर में शामिल थे.
2
गुरजोत सिंह उर्फ गोलू पुत्र श्री जसबीर सिंह निवासी भ्.छव 34/4, गली नंबर 8, जालंधर पंजाब पहले एफआईआर नंबर 165/18 धारा 379 (बी) /411/34 आईपीसी पीएस डिवीजन 4 जालंधर में शामिल था.
3
हजरत अली पुत्र अख्तर मोहम्मद निवासी झाड़सा गांव, सेक्टर-39, गुरुग्राम, हरियाणा (कंधार, अफगानिस्तान का स्थायी निवासी).  आयु-24 वर्ष, पहले एफआईआर नंबर 127/2017 धारा 21 एनडीपीएस एक्ट थाना सफदरजंग एन्क्लेव, नयी दिल्ली.
4
रिजवान कश्मीरी पुत्र सन्ना उल्लाह निवासी 182, घिटोरनी, नई दिल्ली (अनंतनाग, कश्मीर का स्थायी निवासी).
                         यहां बता दें कि अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में उगाई जाने वाली अफीम को विभिन्न वैध निर्यात किए जाने वाले जैसे टैल्क स्टोन, जिप्सम पाउडर, तुलसी के बीज और पैकेजिंग सामग्री जैसे गनी बैग, कार्टन आदि में छिपाया जाता है। इसके बाद कंटेनरों में उसे ईरान के चाबहार बंदरगाह तक पहुंचाया जाता है। वहां से निषिद्ध खेप जेएनपीटी जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट मुंबई भेज दी जाती है। इसके बाद उक्त सामग्री को वैध निर्यातों से अलग कर दिया जाता है और अंतिम उत्पाद यानी हेरोइन प्राप्त करने के लिए इसके आगे निष्कर्षण और बाद में प्रसंस्करण के लिए शिव पुरी, एमपी में स्थित अस्थायी कारखानों को भेजा जाता है। अफगान विशेषज्ञों की मदद से स्थानीय लोग हेरोइन की प्रक्रिया करते हैं और इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक विभिन्न रसायनों को नेटवर्क के सदस्यों द्वारा एमपी और दिल्ली में स्थित विभिन्न रासायनिक दुकानों से खरीदा जाता है। तैयारी के बाद हेरोइन को फिर अलग-अलग सप्लाई चेन का इस्तेमाल करते हुए पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान जेएंडके और भारत के विभिन्न अन्य हिस्सों में डिलीवर किया जाता है। गिरफ्तार आरोपी इस नेटवर्क के अलग-अलग घटकों के हिस्से हैं। अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का यह गिरोह एक और अधिक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। आगे की जांच चल रही है।

मध्य प्रदेश के शिवपुरी में होता था प्रोसेस
ये एक इंटरनेशनल ड्रग्स सिंडिकेट था जिस पर महीनों से काम चल रहा था. जो हेरोइन बरामद की गई है वो अफगानिस्तान की है. अफगानिस्तान से ईरान और वहां से पानी ये जहाज के जरिये मध्य प्रदेश के शिवपुरी आता था जहां इसे प्रोसेस किया जाता था.

पाकिस्तान से भी पैसा आने के सुराग मिले
इसमें नार्को टेररिज्म के भी लिंक मिले हैं। पाकिस्तान से भी पैसा आने के कुछ सुराग मिले हैं। इस गिरोह का आपस मे काम बंटा हुआ था। कश्मीरी शख्स गैंग के लिए केमिकल उपलब्ध कराता था जिसे हेरोइन को प्रोसेस किया जाता था। पंजाब के रहने वाले दोनों शख्स का काम ड्रग्स को पंजाब के अलग-अलग इलाको में ट्रांसपोर्ट करना था। हेरोइन को प्रोसेस करने का काम गिरफ्तार अफगानिस्तानी नागरिक का था।

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