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    May 23, 2025

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    “कोरोना काल में कर्मचारियों के कोहिनूर- रतन टाटा”

    डॉ. रीना रवि मालपानी ने अपने शब्दों को देश अग्रणी उद्यमी के परोपकारी कार्यों पर कुछ दिया है नया रूप।
    उनके द्वारा लिखित कविता “कोरोना काल में कर्मचारियों के कोहिनूर- रतन टाटा”

    नाम के अनुरूप आप तो है भारत के सच्चे रतन।
    आपकी उन्नत और उदार सोच को करते हम नमन॥

    कोरोना त्रासदी में कर्मचारियों के हितो में लिए कई निर्णय।
    स्वजीवन में सदैव किया अथक परिश्रम से परिणय॥

    शांत और सौम्य व्यवहार है रतन टाटा की पहचान।
    टाटा ग्रुप ने तो विश्व में भरी है ऊँची उड़ान॥

    रतन टाटा के जीवन में है कर्म की प्रधानता।
    मानवता के हित में कार्य करना है उनकी महानता॥

    कर्मचारियों के हितो के लिए आपने की है सराहनीय पहल।
    सारी सुविधाएँ सुरक्षित रखकर सुनहरा किया उनका कल॥

    सच्चे अर्थो में आप तो है एक उम्दा सोच की मिसाल।
    अपनी नई शुरुआत से जलाई आशा की मशाल॥

    रतन टाटा तो है माँ भारती की अद्वितीय शान।
    आप जैसे उद्यमी पर हम सबको है अभिमान॥

    कोरोना काल में तो इंसानियत भी हुई ध्वस्त।
    पर आपकी दयालुता ने जिंदगी पुनः बनाई मस्त॥

    आपने तो सैद्धांतिक ज्ञान को व्यवहारिक रूप में बदला।
    आपकी व्यापक सोच ने तो कितनों का जीवन है बदला॥

    कोरोना काल के निष्ठुर समय ने दिखाए जीवन के कई रंग।
    आप सदैव कर्मचारियों के हितो के लिए रहे संग॥

    कोरोना कहर में आपने समझी बेबस मजबूरों की पीड़ा।
    उनके भरण-पोषण का उठाया हर दम बीड़ा॥

    जब कोरोना से जीवन यापन पर उठे अनगिनत सवाल।
    आपकी दृढ़ निर्णय शक्ति से खत्म हुए जीवन यापन के बवाल॥

    कर्मचारियों की समस्याओं और संशय को किया दूर।
    अपनी इसी उन्नत सोच के कारण रतन टाटा तो है जग में मशहूर॥

    रतन टाटा को नहीं मानते हम ऐसे ही कामयाब हस्ती।
    कोरोना काल जैसे निष्ठुर समय में भी नहीं उजड़ने दी जीवन की बस्ती॥

    कर्मचारियों के सच्चे कोहिनूर को करती डॉ. रीना प्रणाम।
    आप जैसे उद्यमी तो देंगे समाज को नवीन सोच का आयाम॥

    डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)

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