अवैध कालोनियों में तोड़फोड़ के नाम पर चल रहा बड़ा खेल

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

June 2023
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
2627282930  
June 6, 2023

हर ख़बर पर हमारी पकड़

अवैध कालोनियों में तोड़फोड़ के नाम पर चल रहा बड़ा खेल

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- नजफगढ़ में पिछले एक साल से करीब 100 एकड़ खेती की जमीन पर अवैध कालोनियां कट गई। जिसे लेकर प्रशासन ढुलमुल रवैया ही अपनाये हुए है। हालांकि जनवरी में इन कालोनियों को लेकर प्रशासन ने तोड़फोड़ की कार्यवाही की थी लेकिन उसके बाद कभी चुनाव तो कभी कोरोना ने सब रोक दिया। लेकिन अब प्रशासन में एक बार फिर उक्त अवैध कालोनियों को लेकर हलचल नजर आ रही है और प्रशासन ने 26 मई से उक्त कालोनियों को हटाने के लिए तोड़फोड़ कार्यवाही आरंभ की है। लेकिन जिस तरह से प्रशासन इन कालोनियों में तोड़फोड़ की कार्यवाही को अंजाम दे रहा है उसे देखकर हर कोई यही कहने को मजबूर हो रहा है कि आखिर अधिकारी किस तरह की कार्यवाही कर रहे है। लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल भी उठ रहे है कि क्या प्रशासन ने उक्त कालोनियों को इस कार्यवाही के माध्यम से क्लीन चिट दे दी है या अधिकारी महज तोड़फोड़ की खानापूर्ति कर कोई बड़ा खेल खेल रहे है। हालांकि एसडीएम नजफगढ़ से इस बारे में संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होने कोई जवाब नही दिया।

प्लाटों की चार दिवारी तोड़ने का काम |


                                       नजफगढ़ में जिस तरह से प्रशासन अवैध कालानियों के प्रति रवैया अपनाये हुए है उससे लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे है। हालांकि पिछले दो दिन से एसडीएम नजफगढ़ इन कालोनियों को तोड़ने की कार्यवाही को अंजाम दे रही है। लेकिन इस कार्यवाही से तो यही नजर आ रहा है कि प्रशासन ने शायद अवैध कालोनियों को एक तरह से क्लीन चिट दे दी है। क्योंकि जिस तरह से कालोनियों में अवैध मकानों को छोड़कर सिर्फ प्लाटों की चार दिवारी तोड़ने का ही काम किया जा रहा है उससे तो यही प्रतीत हो रहा है। हालांकि एसडीएम सौम्या शर्मा से इस बारे में बात करने की कोशिश की गई तो उन्होने कोई जवाब नही दिया। अवैध कालोनियों के मामले में लोगों की माने तो मंत्री-संतरी, नेता, अधिकारी-कर्मचारी व भूमाफिया सभी अपनी जेबें भर गये। ऐसा नही है कि प्रशासन की इसमें मिली भगत नही है या फिर मंत्री व संतरी इससे अछुते है। लेकिन फिर भी अधिकारी यह दिखाने की कोशिश कर रहे है कि प्रशासन इसके खिलाफ कार्यवाही कर रहा है। अब सोचने की बात यह है कि क्या अधिकारी सच्च में कार्यवाही कर रहे हैं या फिर सिर्फ कागजी खानापूर्ति या फिर पैसे के लिए इस कार्यवाही को किया जा रहा है। क्योंकि जिस तरह से भूमाफियां सरे आम ये ऐलाान कर रहे है कि प्रशासन उनका कुछ नही बिगाड़ सकता हमने मंत्री से लेकर संतरी तक सबकों पैसे दिये है। जिसे देखकर यही लगता है कि वास्तव में प्रशासन इन कालोनियों में तोड़फोड़ की कार्यवाही करने की बजाये सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है ताकि लोगों को लगे की अधिकारी अवैध कालोनियों के खिलाफ कार्यवाही कर रहे है।
                             यहां बता दें कि उक्त अवैध कालोनियों के खिलाफ तोड़फोड़ की कार्यवाही को लेकर एसडीएम सौम्या शर्मा ने पांच गांवोें की जमीन के 88 के करीब खसरा नंबर जारी किये थे जिनमें यह कार्यवाही होनी थी। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि 100 एकड़ भूमि में अवैघ कालोनिया कटी है। जिन पर अभी तक सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही कार्यवाही हुई है। लेकिन इसका नुकसान सिर्फ दिल्ली की हरियाली को व दिल्ली के लोगों को उठाना होगा क्योंकि नजफगढ़ जिस तेजी से स्लम में तब्दील होता जा रहा है इसका खामियाजा आगे आने वाले समय में सबको भुगतना पड़ेगा। नजफगढ़ में पहले ही जाम व प्रदुषण की समस्या काफी विकट बनी हुई है। इन कालोनियों से और ज्यादा समस्या बढ़ेगी। नजफगढ़ की हरियाली को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। अवैध कालोनियों से नजफगढ़ क्षेत्र एक तरह से आग की भट्ठी बन जायेगा और स्लम बस्तियों के बढ़ने से नजफगढ़ में अपराधों का ग्राफ भी ज्यादा बढ़ जायेगा। जिसका खामियाजा यहां के लोगों को उठाना पड़ेगा। क्योंकि इन कालोनियों में जो प्लाॅट खरीद रहे है उनमें ज्यादातर ऐसे लोग हो सकते है जो या तो बांग्लादेशी हो या फिर रोहियांग हो। क्योंकि कुछ बस्तियों में इस तरह के लोग दिखाई भी दे रहे है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox