नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाले कॉलेजियम जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हृषिकेश रॉय भी शामिल थे और करीब 4 घंटे की लंबी मैराथन बैठक के बाद सुप्रीम कोर्ट को 2 नए जज की सिफारिश की गई। हिंसा से झुलसे मणिपुर के लिए एक अच्छी खबर है कि पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद पहली बार इस पूर्वोत्तर राज्य से कोई सुप्रीम कोर्ट का जज बनने जा रहा है। देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र को हाई कोर्ट के जजों एन. कोटेश्वर सिंह (एनके सिंह) और आर. महादेवन के नामों की शीर्ष अदालत में जज बनाए जाने के लिए कल गुरुवार को सिफारिश कर दी।
जस्टिस एनके सिंह वर्तमान में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं, जबकि जस्टिस महादेवन मद्रास हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हैं। जस्टिस एनके सिंह सुप्रीम कोर्ट के जज बनने वाले मणिपुर से पहली शख्सियत होंगे. एनके सिंह पिछले साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के 36वें मुख्य न्यायाधीश बने थे।
पिता भी थे HC में जज
एनके सिंह का जन्म 1963 में इंफाल में हुआ था। उनके पिता एन. इबोटोम्बी सिंह भी जज थे. वह गुवाहाटी हाई कोर्ट के सदस्य थे। देश की सबसे बड़ी अदालत में मुख्य न्यायाधीश समेत जजों के स्वीकृत पदों की संख्या 34 हैं, जबकि वर्तमान में जजों की संख्या 32 है। कल करीब 4 घंटे की लंबी मैराथन बैठक के बाद, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाले कॉलेजियम जिसमें जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हृषिकेश रॉय भी शामिल थे। कॉलेजियम ने रजामंदी के साथ मणिपुर को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने के बाद पहली बार यहां से किसी को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने का फैसला लिया।
जस्टिस महादेवन भी SC में बनेंगे जज
जस्टिस एनके सिंह के अलावा जस्टिस महादेवन को भी जज बनाए जाने की सिफारिश की गई जो पिछड़े वर्ग से आते हैं। सीजेआई की अगुवाई वाले कॉलेजियम ने समाज के वंचित वर्गों से संबंधित योग्य लोगों को कोर्ट में न्यायाधीशों के बीच प्रतिनिधित्व देने का अपना वादा निभाया है।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस ताशी रबस्तान को मेघालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए सिफारिश की गई है। बौद्ध धर्म को मानने वाले जस्टिस रबस्तान लद्दाख से हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले पहले जज होंगे। वे वर्तमान मुख्य न्यायाधीश एस वैद्यनाथन के रिटायर होने के बाद इस पद को संभालेंगे।
अलग-अलग हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के मामले में दिल्ली को सबसे अधिक हिस्सा मिला, क्योंकि इसके 3 जजों की सिफारिश राज्यों में सर्वोच्च न्यायिक पद यानी मुख्य न्यायाधीश के लिए की गई है। दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन को इसी हाई कोर्ट के नियमित मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की गई है।
जबकि जस्टिस राजीव शकधर को हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किए जाने की सिफारिश की गई है। जस्टिस सुरेश कैत, जो दलित समुदाय से आते हैं, को जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट का प्रमुख न्यायाधीस बनाने की सिफारिश की गई है। यह पद जस्टिस एनके सिंह के सुप्रीम कोर्ट के जज बनने की सूरत में खाली होगी।
केरल और मद्रास HC को भी मिलेंगे नए मुख्य न्यायाधीश
एससी कॉलेजियम ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एमएस रामचंद्र राव को झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भेजे जाने की सिफारिश की है, यह पद 19 जुलाई को जस्टिस बीआर सारंगी के रिटायर होने के बाद रिक्त हो जाएगा। हिमाचल के मुख्य न्यायाधीश का यह पद दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस शकधर संभालेंगे।
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस जीएस संधावालिया को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का प्रमुख न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की गई है। उनके पिता जस्टिस एसएस संधावालिया 27 जुलाई, 1987 को पटना के मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर हुए थे। यही नहीं कॉलेजियम ने बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस नितिन कुमार और के आर श्रीराम को क्रमशः केरल हाई कोर्ट और मद्रास हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की भी सिफारिश की है।
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