OpenAI के पूर्व रिसर्चर सुचीर बालाजी की संदिग्ध मौत, कंपनी पर गंभीर आरोप

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December 18, 2024

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OpenAI के पूर्व रिसर्चर सुचीर बालाजी की संदिग्ध मौत, कंपनी पर गंभीर आरोप

अनीशा चौहान/-  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की प्रमुख कंपनी OpenAI के पूर्व रिसर्चर सुचीर बालाजी की मौत ने दुनियाभर में हलचल मचा दी है। 26 नवंबर को सैन फ्रांसिस्को पुलिस को जानकारी मिली कि सुचीर का शव उनके फ्लैट में पाया गया। यह मामला आत्महत्या जैसा प्रतीत हो रहा है, हालांकि पुलिस ने विस्तृत जांच शुरू की है।

सुचीर बालाजी की मौत

सुचीर (26) का शव सैन फ्रांसिस्को के बुकानन इलाके स्थित उनके फ्लैट में मिला। पुलिस को शुरुआत में संदेह था कि यह आत्महत्या हो सकती है, क्योंकि सुचीर पिछले कुछ दिनों से अपने दोस्तों से संपर्क नहीं कर रहे थे, जिससे उनके करीबी चिंतित थे। पुलिस ने 26 नवंबर को दोपहर 1 बजे सुचीर के फ्लैट पर पहुंचकर उनका शव बरामद किया। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि शुरुआती जांच में कोई संदिग्ध परिस्थिति नहीं मिली, लेकिन मामले की गहन जांच जारी है।

OpenAI पर आरोप

सुचीर बालाजी की मौत से तीन महीने पहले, उन्होंने OpenAI के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि OpenAI ने अमेरिका के कॉपीराइट कानूनों का उल्लंघन किया है, खासकर कंपनी के चैटजीपीटी ऐप के मामले में। यह ऐप, जो दुनियाभर में बहुत लोकप्रिय हो चुका है, कई लेखक और पत्रकारों द्वारा आरोपित किया गया था कि कंपनी ने उनका कॉपीराइट कंटेंट अवैध रूप से उपयोग किया। सुचीर ने OpenAI को यह भी आरोपित किया कि कंपनी उन व्यवसायों और उद्यमियों पर नकारात्मक असर डाल रही है जिन्होंने अपनी जानकारी चैटजीपीटी को प्रशिक्षित करने के लिए दी थी।

2023 में एक इंटरव्यू में सुचीर ने कहा था कि OpenAI का मॉडल इंटरनेट इकोसिस्टम के लिए टिकाऊ नहीं है और इससे जुड़े व्यवसायों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने लोगों से यह भी कहा था कि अगर वे OpenAI के विचारों से सहमत नहीं हैं, तो उन्हें इस कंपनी से दूर रहना चाहिए।

मौत के बाद के प्रभाव

सुचीर की मौत ने उनके द्वारा उठाए गए सवालों को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। अब इस मामले के बाद OpenAI पर दबाव बढ़ सकता है, खासकर उन गंभीर आरोपों को लेकर जो सुचीर ने लगाए थे। उनके निधन के बाद, यह घटना तकनीकी समुदाय में एक बड़े विमर्श का विषय बन गई है और OpenAI के खिलाफ उठाए गए सवालों की जांच अब और तेज हो सकती है।

यह मामला न केवल सुचीर की व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह एक ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे को भी उजागर करता है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कॉपीराइट उल्लंघन, और डिजिटल इकोसिस्टम के भविष्य से जुड़ा है।

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