
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना संक्रमण की वजह से सुरक्षा के लिहाज से पिछले 151 दिनों से बंद मेट्रो सेवाएं जल्द शुरू होने के आसार अब दिखने लग हैं। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने मेट्रो को दोबारा पटरी पर लाने की तैयारियां पूरी कर ली है। लॉकडाउन में दिल्ली वासियों के लिए जीवन रेखा मेट्रो के रास्ते में कई चुनौतियां हैं। इन सब मसलों पर डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक डॉ. मंगू सिंह ने कहा कि यात्रियों के साथ हमें भी मेट्रो सेवाएं शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है। केंद्र सरकार से अनुमति मिलते के दो-तीन दिन में यात्रियों को फिर मेट्रो में सफर का मौका मिल सकेगा। यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। स्थितियां जैसे ही बेहतर होती हैं, एहतियाती उपायों के साथ सरकार के निर्देश पर मेट्रो की सेवाएं मुहैया की जाएंगी।
उन्होने कहा कि लॉकडाउन के शुरुआती दौर से डीएमआरसी ने फेस-4 के लिए विशेषज्ञों ने डिजायन तैयार कर ग्राउंड वर्क को पूरा किया। विभागों के बीच बेहतर सामंजस्य के अलावा परामर्शदाता और सभी संबंधित एजेंसियां, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एक साथ हुईं। इससे कार्यों को नई रफ्तार मिली। आमने सामने की बातचीत में लगने वाला वक्त काफी कम हो गया। इस दौरान फेस-4 परियोजना का पूरा खाका तैयार कर तीन कॉरिडोर पर कार्यों की शुरुआत कर दी गई है। उन्होने कहा इस वक्त को डीएमआरसी ने एक चुनौती के रूप में लिया है। लॉकडाउन का समय काफी लंबा रहा। पिछले पांच महीनों में श्रमिकों की कमी, वित्तीय संकट के अलावा तमाम हितधारकों की अपनी बाधाएं रहीं। बावजूद इसके फेस-4 परियोजनाओं में दो-तीन महीने तक की देरी हो सकती है। इसे कम करने की कोशिशें जारी हैं। उन्होने बताया कि यमुना पर दिल्ली मेट्रो के पांचवें पुल के निर्माण की शुरुआत की गई है। इससे रोजाना लाखों यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। निर्माण शुरू करने से पहले सभी तकनीकी पहलुओं का अध्ययन कर यमुना एक्शन कमेटी से मंजूरी ली गई। दिल्ली के पर्यावरण को और बेहतर बनाना, डीएमआरसी की प्राथमिकता है।
डा. मंगू सिंह ने कहा कि संक्रमण से यात्रियों की सुरक्षा के लिए शहरी विकास मंत्रालय के निर्देश पर एसओपी (मानक) तैयार की गई। यात्रियों में सुरक्षा की भावना जरूरी है, इस लिहाज से स्टेशन और मेट्रो के अंदर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कम से कम गेट खोलने, अधिक यात्री होने पर नियमित अंतराल पर प्रवेश, थर्मल स्क्रीनिंग, आरोग्य सेतू एप, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए स्टेशन और मेट्रो में भी मार्किंग की गई है। लिफ्ट में भी एक बार में दो-तीन यात्री ही सवार हो सकेंगे। लाखों टोकन को सैनिटाइज करना मुश्किल है, इसलिए शुरुआती दिनों में स्मार्ट कार्ड से ही यात्रियों को सफर का मौका मिल सकेगा। संक्रमण का खतरा न रहे, इसलिए कार्ड के टॉप अप के लिए भी कैशलेस ट्रांजैक्शन का प्रावधान होगा। संक्रमण से यात्रियों की सुरक्षा डीएमआरसी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। फिलहाल, घरों से भी काफी कम लोग निकल रहे हैं, इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग के पालन में दिक्कत नहीं आएगी। रही बात नुकसान की, तो यात्रियों की सुरक्षा से जरूरी कुछ और नहीं। टिकट की दरों में बदलाव की जिम्मेवारी कमेटी की है।
साथ उन्होने कहा कि मेट्रो सेवाएं पूरी तरह तकनीक पर आधारित है, इसलिए इसे बंद नहीं किया जा सकता। मेट्रो की हेल्थ बनाए रखने के लिए रोजाना एक-दो ट्रिप में परिचालन किया गया। वित्तीय संकट सबसे बड़ी चुनौती है। सेवाएं बंद होने की वजह से कमाई शून्य रही लेकिन खर्च में कोई कमी नहीं आई। उन्होने बताया कि डीएमआरसी पर इस साल करीब 1200 करोड़ के लोन की देनदारी है। इसे चुकाने के लिए एक साल का वक्त मांगा गया है जबकि वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार के लिए तमाम विकल्पों पर सरकार से बातचीत जारी है। दूसरी तरफ डीएमआरसी अपने स्तर पर कॉस्ट कटिंग कर रही है। मेट्रो कर्मियों के भत्ते में कटौती के अलावा दूसरी कई टल सकने वाली योजनाओं को एक साल के लिए स्थगित किया गया है।
पुरानी स्थिति में पहुंचने के लिए जरूरी है कि कोरोना की स्थिति में सुधार। इसमें कितना वक्त लग सकता है, फिलहाल स्पष्ट नहीं है। लेकिन, एक बात मैं जरूर बताना चाहूंगा कि सार्वजनिक परिवहन का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हमारे पूरी कोशिश है कि संक्रमण के बादल छंटने पर दोबारा जल्द पटरी पर लौटे। थोड़े दिन बाद हालात में सुधार के बाद फिर पहले की तरह यात्री मेट्रो को लाइफलाइन के तौर पर अपनाएंगे।
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