
नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था अनोखी चुनौतियों का सामना कर रही है और इसमें सुधार की सख्त जरूरत है। न्यायमूर्ति गवई ने हैदराबाद की ‘नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ’ के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए छात्रों को सलाह दी कि वे छात्रवृत्ति पर विदेश जाकर पढ़ाई करें, न कि परिवार पर इसका बोझ डालें।
प्रधान न्यायाधीश बोले- न्याय व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि न्याय व्यवस्था में सुधार की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हमारा देश और न्याय व्यवस्था अनोखी चुनौतियों का सामना कर रही है। मुकदमों में कभी-कभी दशकों तक देरी होती है। हमने ऐसे कई मामले देखे हैं जहां किसी व्यक्ति को विचाराधीन कैदी के रूप में वर्षों जेल में बिताने के बाद निर्दोष पाया गया है। हम जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं उनके समाधान में हमारी सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाएं मदद कर सकती हैं।’
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पी.एस. नरसिम्हा भी दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। तेलंगाना उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की।
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