• DENTOTO
  • यूएन की पत्रिका में छाये एम्स के पीएचडी स्काॅलर रोहिताश यादव

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 25, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    यूएन की पत्रिका में छाये एम्स के पीएचडी स्काॅलर रोहिताश यादव

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देहरादून/नई दिल्ली/मनोजीत सिंह/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- एक ओर जहां वैश्विक महामारी कोविड19 से दुनिया के लोग डरे सहमे हुए हैं, वहीं कोरोना वायरस से लोगों को निजात दिलाने के लिए देश-दुनिया के अनेक संस्थान कोविड वेक्सीन की खोज में जुटे हुए हैं। वहीं भारत देश के विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक एवं शोधार्थी भी इस महामारी से बचाव के अनेक प्रयासों पर शोध कर रहे हैं। इसी क्रम में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के पीएचडी रिसर्च स्कॉलर रोहिताश यादव का इस विषय में रिसर्च पेपर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शोधपत्रिका ‘जनरल ऑफ बायोमोलिक्यूलर स्ट्रक्चर एवं डायनामिक्स’ में प्रकाशित हुआ है। जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस के संभावित ड्रग्स की पहचान की है।
    उनका यह शोधकार्य आगे चलकर इस महामारी से बचाव में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत जी ने रिसर्च स्कॉलर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि संस्थागत स्तर पर शोधकार्य को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्य हो रहा है, इसके लिए एम्स संस्थान के स्तर पर प्रतिवर्ष पांच करोड़ की धनराशि निर्गत की गई है,जिसे आने वाले समय में बढ़ाया जा सकता है। एम्स निदेशक प्रो. रवि कांत जी ने बताया कि जिससे एम्स संस्थान में रिसर्च को बढ़ावा दिया जा सके और शोधार्थियों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जा सके। लिहाजा युवा वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं को रिसर्च की ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में देश ही नहीं दुनिया को लाभ मिल सके।
    उन्होंने बताया कि अनुसंधानकर्ता रोहिताश यादव ने इस शोधकार्य में कोरोना वायरस के विभिन्न टारगेट की पहचान करके संभावित ड्रग को खोजा है, जिसे शोधपत्र में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ता यादव ने इस शोधपत्र में कोरोना वायरस के न्यूक्लियोकैप्सिट फास्फोप्रोटीन की तीन संभावित जगहों पर 8722 नए ड्रग मॉलिक्यूल्स एवं 265 संक्रामक बीमारियों के काम में आने वाली दवाओं के साथ अध्ययन किया है। जिसमें उन्होंने तीन संभावित ड्रग मॉलिक्यूल्स की पहचान की है। जिनमें से दो नए ड्रग मोलिक्यूल हैं जबकि एक एचआईवी संक्रमण में काम आने वाली दवा जिडोवुडीन है। जिडोवुडीन को कोरोना के उपचार की कड़ी में एक महत्वपूर्ण ड्रग के तौर पर देखा जा सकता है, जिसकी पुष्टि आगे चलकर क्लिनिकल ट्रायल से की जा सकती है। उन्होंने बताया कि यह शोधकार्य एम्स ऋषिकेश के डिपार्टमेंट ऑफ फार्माकोलॉजी में किया गया। वहीं इस उपलब्धिपूर्ण शोध कार्य के लिए संस्थान के डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर मनोज गुप्ता जी ने अनुसंधानकर्ता की प्रशंसा की है, उन्होंने इसे एम्स संस्थान व फार्माकोलॉजी विभाग के लिए एक बड़ा अचीवमेंट बताया है। उन्होंने बताया कि कोरोना के विश्वव्यापी दुष्प्रभाव के इस नाजुक समय में हमारे चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ अनुसंधानकर्ता भी दिन-रात इस वायरस से जनमानस को बचाने में अपने-अपने स्तर पर दिन-रात कार्य कर रहे हैं। इसके साथ ही संस्थान के फार्माकोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र हांडू जी कोविड को लेकर किए गए इस अनुसंधान कार्य के लिए हर्ष व्यक्त किया, उन्होंने इसे एम्स संस्थान की एक बड़ी उपलब्धि बताया व शोधकर्ता को प्रोत्साहित किया।
    रिसर्च स्कॉलर रोहिताश यादव ने बताया कि इस कार्य के लिए विभाग के डा. पुनीत धमीजा, जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, अमेरिका के डा. कपिल सूचल एवं सऊदी अरब के सांकरा मेडिकल इंस्टीट्यूट के डा. मोहम्मद इमरान ने भी सहयोग किया। गौरतलब है कि एम्स के फार्माकोलॉजी विभाग के शोधार्थी रोहिताश यादव इसके साथ साथ अनेक शोध विषयों पर कार्य कर रहे हैं। यादव अपना पीएचडी शोध फार्माकोलॉजी विभाग के डा. पुनीत धमीजा के अधीन मल्टीपल माइलोमा के लिए नए दवा की खोज पर कर रहे हैं, वर्तमान में वह सोसायटी ऑफ यंग बायोमेडिकल साइंटिस्ट इंडिया के अध्यक्ष का दायित्व भी देख रहे हैं। यादव ने इन सभी प्रयासों के पीछे अपने गाइड डा. पुनीत धमीजा समेत विभाग के प्रमुख प्रो. शैलेंद्र हांडू जी का सहयोग बताया, उन्होंने बताया कि बिना इनके प्रयासों व मार्गदर्शन के यह कार्य संभव नहीं हो पाता।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox