
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-कोरोना से इस समय पूरी दुनिया जूझ रही है और अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर इस महामारी से निपटने का काम कर रही है लेकिन दक्षिण कोरिया में लोगों में कोरोना का खौफ इस कदर छाया हुआ है कि अब वहां के लोग नोटों से भी तौबा कर रहे है। कुछ ने तो कोरोना वायरस के डर से अब तक 2.25 ट्रिलियन डॉलर मूल्य के नोट और सिक्के जला डाले हैं।
नोटों और सिक्कों से कोरोना वायरस फैलने के डर से लोगों ने इस मूल्यवान वस्तु को या तो वॉशिंग मशीन में धो डाला या फिर माइक्रोवेव और ओवन में जला डाला। दक्षिण कोरियो के रिजर्व बैंक ने इस बात की जानकारी दी और कहा कि लोगों की इस हरकत की वजह से बैंक को खरबों डॉलर के नोट से जूझना पड़ रहा है।
दक्षिण कोरिया के रिजर्व बैंक यानि के बैंक ऑफ कोरिया ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि पिछले छह महीने में पिछले साल की तुलना में लोगों ने तीन गुना ज्यादा जले हुए नोट बदलें हैं। बैंक का कहना है कि जले हुए नोटों को बदलने में आई तेजी के पीछे सबसे बड़ा कारण कोरोना वायरस का खौफ है। इस साल जनवरी से जून के बीच में 1.32 अरब वान यानि कि 1.1 अरब डॉलर जले हुए नोट बैंक ऑफ कोरिया को लौटाए गए हैं। बात करें पिछले साल की तो इसी अवधि में इन नोटों का मूल्य 40 लाख डॉलर था। इस साल कोरोना वायरस की वजह से लोगों के मन में डर बैठ गया है और वो नोटों को या तो जला रहे हैं या धो रहे हैं। बैंक ऑफ कोरिया की माने तो इस साल ओवन में नोट जलाने के मामले सबसे ज्यादा आए हैं। बैंक की माने तो कोविड-19 संक्रमण के डर की वजह से दक्षिण कोरिया की जनता नोटों का जला रही है और वॉशिंग मशीन में धो रही है। बैंक ने बताया कि साल 2020 के पहले छह महीने में 2.69 ट्रिलियन वान या 2.25 ट्रिलियन डॉलर मूल्य के कटे-फटे और जले हुए नोट और सिक्के मिले हैं।
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