राममंदिर निर्माण में ली जाये राम भक्तों की राय-शंकराचार्य स्वरूपानंद

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

राममंदिर निर्माण में ली जाये राम भक्तों की राय-शंकराचार्य स्वरूपानंद

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/लखनऊ/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- संतो-महंतो व सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण को लेकर जिस शुभ घड़ी का गुणगान किया जा रहा है उसपर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने सवाल उठाते हुए कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए निर्धारित मुहूर्त का समय सही नहीं है। पूजा का समय अशुभ समय में रखा जाता है। शंकराचार्य ने मांग की है कि मंदिर के निर्माण के लिए जनता की राय ली जाए।
स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि हम राम के भक्त हैं, हमें राम मंदिर बनाने में खुशी होगी, लेकिन इसके लिए उचित तिथि और शुभ समय होना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की है कि कंबोडिया में भगवान राम का मंदिर अंगकोर वाट की तरह विशाल और भव्य होना चाहिए। स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने भी कहा है कि जब रामलला का भव्य मंदिर जनता के पैसे से बनाया जाएगा, तो जनता की राय भी ली जानी चाहिए कि मंदिर का मॉडल क्या होना चाहिए। दूसरी ओर, अयोध्या के संत इस मुद्दे पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज को सीधे चुनौती दे रहे हैं। उनका कहना है कि यदि स्वरूपानंद सरस्वती को हनुमान चालीसा से लेकर ऋग्वेद तक सभी का ज्ञान है, तो यहां आकर साबित करें कि 5 अगस्त को भूमि पूजन करना गलत है।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की तिथि पहले ही निर्धारित की जा चुकी है। मंदिर की नींव 5 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों में रखी जानी है। ऐसी स्थिति में मुहूर्त के समय शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का सवाल उठाना पूरी घटना को मुश्किल में डाल सकता है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट से जुड़े लोग शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से सहमत होंगे।
क्या पूजा का समय बदला जाएगा? या इसके पीछे शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की कोई नाराजगी नहीं है? क्या शंकराचार्य स्वरूपानंद से इस पूरे मामले पर सलाह नहीं ली गई थी? ऐसे कई सवाल अब से उठने लगे हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह तय करने के बाद कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जाएगा, रामलला ट्रस्ट द्वारा मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तिथि को अंतिम रूप दे दिया गया है। 5 अगस्त को अयोध्या में भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण पत्र भेजा गया है। कार्यक्रम की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। बड़ी संख्या में संतों के पहुंचने की उम्मीद है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox