“गोलू नाम का चोर काबू, मोबाइल–मीटर बरामद”

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December 22, 2025

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-सक्रिय चोर एंटी-बर्गलरी सेल की पकड़ में आया

नई दिल्ली/द्वारका/उमा सक्सेना/-   द्वारका जिला पुलिस की एंटी-बर्गलरी सेल ने क्षेत्र में लगातार चोरी की वारदातों से परेशान लोगों को बड़ी राहत देते हुए एक ऐसे चोर को गिरफ्तार किया है, जिसकी गतिविधियाँ पिछले कई दिनों से तीन थानों — उत्तम नगर, मोहन गार्डन और नजफगढ़ — में बढ़ती जा रही थीं। आरोपी गौरव उर्फ़ गोलू, जो मुश्किल से 23 साल का है, काफी समय से पुलिस की नजर में था, लेकिन उसकी बदलते छिपने के तरीकों और लगातार स्थान बदलने की वजह से उसे पकड़ना आसान नहीं था। गिरफ्तारी के साथ न केवल चोरी का सामान मिला, बल्कि उससे कई बड़ी घटनाओं के तार भी जुड़ते पाए गए।

इनपुट, तकनीकी सहायता और आरोपी की पहचान
पुलिस को मिली एक विश्वसनीय सूचना के आधार पर एंटी-बर्गलरी सेल ने आरोपी की गतिविधियों पर करीब से नजर रखनी शुरू की। इसके लिए टीम ने केवल पारंपरिक तरीके ही नहीं अपनाए, बल्कि आधुनिक तकनीक का भी पूरा उपयोग किया। FRS मॉड्यूल, ई-प्रिज़न्स डेटा, और सहायक ऐप के माध्यम से आरोपी की पुरानी हिस्ट्री, जेल से रिहाई की तारीख, और उसकी हाल की गतिविधियों का पूरा रिकॉर्ड निकाला गया। यह सब डेटा एक-दूसरे से मेल खाने लगा और स्पष्ट हुआ कि हाल ही में हुई चोरी की घटनाओं में वही युवक शामिल हो सकता है। इसके चलते टीम ने उसके रूट, व्यवहार और संभव ठिकानों की गहराई से पड़ताल शुरू की।

छिपे हुए अड्डे से चोरी की वस्तुएँ बरामद
आरोपी के पकड़े जाने के बाद जब उससे लम्बी पूछताछ की गई, तो उसने बताया कि वह चोरी किए गए सामान को किसी घर या कमरे में नहीं, बल्कि UER-II फ्लाईओवर के नीचे घनी झाड़ियों के बीच बनाए गए एक अस्थायी ठिकाने में छिपाता था। यह स्थान इतना ढका हुआ था कि साधारण व्यक्ति को देखकर अंदाज़ा भी नहीं लगता कि यहाँ चोरी का सामान रखा जा सकता है। पुलिस ने आरोपी के बताए अनुसार वहाँ छापा मारा जहाँ से 5 चोरी किए गए मोबाइल फोन, घरेलू लोहे-स्टील के बर्तन, पानी के नल और एक वॉटर मीटर बरामद हुआ। बरामदगी से ये साफ हो गया कि आरोपी लगातार अलग-अलग क्षेत्रों से चोरी की वारदातें अंजाम दे रहा था।

घर में सेंधमारी की बड़ी वारदात
पहली शिकायत 1 नवंबर 2025 को दर्ज हुई थी जब नजफगढ़ के चर्च लाइन इलाके में रहने वाले विवेक कुमार ने बताया कि उनके घर में देर रात चोरों ने घुसकर गैस सिलेंडर, इलेक्ट्रिक गीजर, कड़ाही-तवे जैसे बर्तन और कई अन्य सामान चोरी कर लिए। घर के ताले तोड़कर की गई यह वारदात इलाके में चिंता का विषय बन गई थी। पुलिस ने मामले का e-FIR दर्ज कर जांच शुरू की, लेकिन चोर की पहचान करना चुनौती भरा काम था, क्योंकि किसी भी फुटेज में चेहरा स्पष्ट नहीं दिख रहा था। इसी वारदात से पुलिस को यह संकेत मिला कि आरोपी पेशेवर मानसिकता का है और योजनाबद्ध तरीके से चोरी करता है।

पानी की मोटर और मीटर की चोरी
इसके दो दिन बाद ही 3 नवंबर 2025 को मोहन गार्डन क्षेत्र में दूसरी बड़ी चोरी की खबर आई, जिसमें पार्किंग से रात के समय पानी की मोटर के साथ कई घरों के पानी के मीटर चोरी कर लिए गए। यह वारदात CCTV में कैद हुई थी, लेकिन चोर ने चेहरे को छिपाने की कोशिश की थी। फिर भी उसके हाव-भाव और चलने के अंदाज़ से पुलिस को शक हुआ कि यह वही व्यक्ति हो सकता है जो नजफगढ़ की घटना में शामिल था। यही वह बिंदु था जहाँ से दोनों मामलों की दिशा एक साथ मिलती हुई दिखाई दी।

विशेष टीम का गठन और रणनीतिक कार्रवाई
DCP द्वारका अंकित सिंह (IPS) ने चोरी की बढ़ती घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए इस मामले को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। इसके बाद इंस्पेक्टर विवेक मैंदोला के नेतृत्व में एक ऐसी टीम तैयार की गई, जो तकनीकी विश्लेषण, निगरानी और ग्राउंड इंटेलिजेंस में महारत रखती है। इस टीम में शामिल ASI राजेश, HC अनिल, HC वरुण, Ct. राहुल और Ct. आशीष ने कई दिनों तक आरोपी के संभावित रास्तों, ठिकानों और गतिविधियों का अध्ययन किया। उनकी यह तैयारी आगे चलकर गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण साबित हुई।

CCTV विश्लेषण ने खोला पूरा खेल
दोनों घटनाओं के बाद टीम ने लगभग 50 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले। कई रिकॉर्डिंग धुंधली थीं, कुछ में रोशनी कम थी, लेकिन लगातार तुलना और इमेज एनालिसिस ने आखिरकार वह फुटेज दिया जिसमें आरोपी का चेहरा साफ दिखाई दिया। यह फुटेज पूरे मामले में निर्णायक मोड़ था। बाद में इसे FRS सिस्टम में मैच किया गया, जिससे पता चला कि आरोपी हाल ही में जेल से रिहा हुआ है और उसका नाम गौरव उर्फ़ गोलू है। यह मिलान होते ही टीम ने उसकी खोज और अधिक तेज़ कर दी।

गुप्त सूचना पर घेराबंदी और गिरफ्तारी
5 नवंबर की शाम HC अनिल को एक महत्वपूर्ण इनपुट मिला कि आरोपी रात 8:30 बजे अपने घर की तरफ आते हुए दिखाई देगा। टीम ने मौके पर पहले से ही रणनीतिक रूप से इंतज़ाम कर रखा था। समय पर ही आरोपी वहाँ पहुँचा और पुलिस ने उसे घेरकर दबोच लिया। पकड़ने के बाद जब उसे CCTV फुटेज दिखाया गया तो उसने चोरी की बात स्वीकार कर ली और पुलिस को अपने छिपाए हुए सामान तक ले गया, जहाँ से बरामदगी हुई।

गलत संगत, नशा और अपराध की राह
पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह दिल्ली में पैदा हुआ और 9वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। परिवार में पिता ड्राइवर हैं और आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं है। अकेलापन, नशे की लत और गलत लोगों की संगत में पड़कर उसने छोटी-छोटी चोरी शुरू की जो बाद में गम्भीर अपराधों में बदल गई। वाहन चोरी, लोहे की जालियाँ निकालना और आखिर में घरों में सेंधमारी उसका नियमित तरीका बन गया। जेल से हाल में छूटने के बाद उसने फिर से वारदातें शुरू कर दी थीं।

पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की पुष्टि
उसके खिलाफ पहले भी दो मामले दर्ज थे, दोनों ही चोरी और घर में घुसकर सामान ले जाने से जुड़े थे। पुलिस रिकॉर्ड और जेल डेटा के विश्लेषण से यह स्पष्ट हो गया कि आरोपी आदतन अपराधी है और चोरी उसका मुख्य साधन बन चुका था।

बरामद सामान की विस्तृत सूची
आरोपी के बताए ठिकाने से पुलिस ने जो संपत्ति बरामद की, उसमें
पाँच चोरी किए गए मोबाइल फोन
घरेलू बर्तन
पानी के नल
एक वॉटर मीटर
शामिल थे। ये सभी वस्तुएँ हाल में दर्ज मामलों से मेल खाती थीं, जिससे अपराध की पुष्टि हो गई।

आरोपी की गिरफ्तारी के बाद कुल 12 चोरी, सेंधमारी और घर में घुसकर चोरी के मामलों का सीधा संबंध उसी से निकला। इन मामलों के हल होने से द्वारका पुलिस को बड़ी सफलता मिली है और क्षेत्र में चोरी की बढ़ती घटनाओं पर विराम लगा है।

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