5 मिनट का रूटीन बचा सकता है जान —

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 28, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

नई दिल्ली/उमा सक्सेना/-   आज की मुख्य स्वास्थ्य खबरों में हम तीन ऐसी बातें लेकर आए हैं जिन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है — महिलाओं की सरल चेक-रूटीन, पुरुषों में टेस्टिकलर कैंसर की बढ़ती चेतावनी और एक राज्य में गुर्दे की बीमारी का अलार्म।

5-मिनट रूटीन: महिलाओं के लिए ब्रेस्ट हेल्थ चेक-अप

महिलाओं के लिए ब्रेस्ट हेल्थ पर विशेष सुझाव दिए गए हैं। विशेषज्ञों ने कहा है कि नियमित स्क्रीनिंग के साथ-साथ एक सरल 5 मिनट का सेल्फ–चेक-रूटीन बहुत मददगार हो सकता है। इसमें शामिल है:

माह में एक बार ब्रेस्ट सेल्फ-एग्जामिनेशन करना।

किसी भी असामान्य गांठ, आकार-परिवर्तन या त्वचा पर बदलाव पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना।

याद रखना कि स्क्रीनिंग केवल मैमोग्राम या सोनोग्राम तक सीमित नहीं है, बल्कि खुद द्वारा समीक्षा करना भी बहुत मायने रखता है।

क्यों जरूरी है: समय रहते संकेत पकड़ लेने पर इलाज आसान होता है। यह पहल महिलाओं की सेहत-जागरूकता बढ़ा सकती है और बिगड़ी स्थिति आने से पहले उसे नियंत्रित करना संभव बना सकती है।

पुरुषों में टेस्टिकलर कैंसर: चेतावनी की घंटी

हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में 20-40 वर्ष के पुरुषों में Testicular Cancer के मामले बढ़ रहे हैं। भारत में यह अभी भी बहुत कम पाया जाता है, लेकिन विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जागरूकता कम होने के कारण समस्या समय पर पकड़ी नहीं जा रही।

मुख्य बिंदु: युवाओं में यह बीमारी होने की संभावना कम समझी जाती है, जिससे समय में निदान नहीं होता।शुरुआती अवस्था में इलाज संभव है और ठीक होने की संभावना बहुत अधिक है। इसलिए पुरुषों को भी अपने शरीर की सुननी चाहिए — स्व-निरीक्षण, असामान्य लक्षणों पर ध्यान देना और डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

तेलंगाना में बढ़ती गुर्दे की बीमारी: एक हमला‐साइलेंट

Telangana राज्य में हाल ही में हुए अध्ययन में पाया गया कि लगभग 1 में से 14 वयस्कों को क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) है — जो राष्ट्रीय औसत से लगभग डबल है।

कारण-संकेत: लगातार दर्दनाशक दवाओं का सेवन, जैसे कि ओवर‐द‐काउंटर दर्दशामक।खराब जल­गुणवत्ता, जीवनशैली में कमी (जैसे बेपरवाह भोजन, कम गतिविधि)।

डायबिटीज़ और हाई ब्लडप्रेशर जैसे रोगों का समय पर नियंत्रण न होना।

क्या करना चाहिए: नियमित स्वास्थ्य-चेक-अप कराना।

सुनें कि डॉक्टर ने गुर्दे की जांच कैसे सुझाई है। पेशाब में बदलाव, थकान, सूजन आदि लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।

हेल्थ-रूटीन को तय वक्त पर बना

एंइन तीन खबरों से एक बात स्पष्ट होती है — स्वास्थ्य सिर्फ “बड़ी बीमारी से बचने” तक नहीं, बल्कि नियमित देखभाल, समय पर जागरूकता और सरल आचरण से भी जुड़ा है।

महिलाओं के लिए सेल्फ-चेक रूटीन अपनाना।

पुरुषों में छोटी उम्र से भी कैंसर की संभावना को नजरअंदाज न करना।

विशेष राज्यों/क्षेत्रों में गहरी समस्या को पहचानना और समय रहते कदम उठाना।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox