नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- आज 18 अक्टूबर 2025, कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर देशभर में धनतेरस का पावन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। दीपावली उत्सव की शुरुआत इसी दिन से होती है। परंपरागत रूप से यह दिन समृद्धि, सौभाग्य और आरोग्य का प्रतीक माना जाता है। हालांकि इस वर्ष की धनतेरस कुछ विशेष कारणों से अलग है। आइए जानते हैं — पूजा विधि, राशि अनुसार खरीदारी के शुभ योग, और किन वस्तुओं की खरीद से बचना चाहिए।
इस साल क्यों खास है धनतेरस 2025
धार्मिक पंचांगों के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस शनिवार के दिन पड़ी है। शास्त्रों में बताया गया है कि शनिवार के दिन लोहे या लोहे से संबंधित वस्तुएं खरीदना शुभ नहीं होता, क्योंकि ऐसा करने से शनिदेव नाराज़ हो सकते हैं। यही वजह है कि इस वर्ष वाहन, संपत्ति या लोहे की वस्तुओं की खरीदारी अशुभ मानी गई है।
हालांकि, धनतेरस पर पारंपरिक वस्तुएँ जैसे सोना, चांदी, बर्तन, आभूषण और दीपक खरीदना अत्यंत शुभ रहेगा।
पूजा विधि और लक्ष्मी पूजन का महत्व
धनतेरस के दिन सुबह घर की सफाई करने के बाद सायंकाल शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी, गणेश और धन्वंतरि देव की आराधना की जाती है।
पूजा के लिए पूर्व दिशा में दीपक सजाकर धूप-दीप जलाएँ और भगवान गणेश का आह्वान करें। इसके बाद माँ लक्ष्मी का ध्यान करते हुए लक्ष्मी चालीसा या श्री सूक्त का पाठ करें।
भगवान धन्वंतरि को तुलसी, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें और “ॐ धन्वंतरये नमः” मंत्र का जाप करें।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन दीपदान करने से घर में नकारात्मकता दूर होती है और धन की वृद्धि होती है।

राशि अनुसार करें शुभ खरीदारी
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस वर्ष कुछ राशियों के लिए विशेष वस्तुओं की खरीदारी शुभ फल दे सकती है —
कर्क राशि: इस दिन माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियाँ खरीदना लाभकारी रहेगा। इन्हें पीतल या मिट्टी की लेना शुभ माना गया है।
सिंह राशि: इस राशि के जातकों को सोने का आभूषण खरीदना चाहिए, जिससे आर्थिक उन्नति के योग बनते हैं।
कन्या राशि: कांसे के बर्तन, पूजा सामग्री या धातु के दीपक लेना शुभ रहेगा, जो घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।
वाहन और संपत्ति की खरीद क्यों टालें
इस साल धनतेरस के दिन रेवती नक्षत्र रहेगा, जो वाहन और यात्रा संबंधी कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन किसी प्रकार की बड़ी संपत्ति या वाहन की खरीद करना हानिकारक साबित हो सकता है।
दृक पंचांग के अनुसार 16, 17, 23 और 24 अक्टूबर को संपत्ति क्रय के लिए उत्तम योग हैं। इसलिए वाहन या मकान खरीदने के इच्छुक लोग उन दिनों का चयन करें।
धनतेरस और आयुर्वेद दिवस का संबंध
धनतेरस का एक अन्य धार्मिक और ऐतिहासिक पहलू भी है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान इसी दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। उन्हें आयुर्वेद का जनक कहा जाता है। उनके वंशज राजा दिवोदास और शिष्य महर्षि सुश्रुत ने आयुर्वेद के विज्ञान को आगे बढ़ाया।
इसी कारण धनतेरस को आज ‘राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, जो मानव स्वास्थ्य और निरोगी जीवन के महत्व को रेखांकित करता है।
धनतेरस का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन आराधना करने से माँ लक्ष्मी की कृपा, धनवृद्धि और आरोग्य लाभ प्राप्त होता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा से पूजा करता है, उसके घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
धनतेरस 2025 का यह पर्व न केवल धन प्राप्ति का अवसर है, बल्कि यह स्वास्थ्य, संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का संदेश भी देता है।
इस दिन अपने मन, वचन और कर्म से शुभ भाव रखें, दूसरों के जीवन में प्रकाश फैलाएँ, और दीपों की रौशनी से अपने घर और दिल को जगमगाएँ।
आप सभी को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ!


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