शामली/उमा सक्सेना/- मोहल्ला खैलकला निवासी 38 वर्षीय सलमान ने शुक्रवार दोपहर अपने चार बच्चों के साथ यमुना के पुराने पुल से छलांग लगा दी थी। शनिवार सुबह जब स्थानीय लोगों को घटना का पता चला तो इलाके में हड़कंप मच गया।
प्रशासन ने तुरंत प्राइवेट गोताखोरों और पीएसी की फ्लड यूनिट की मदद से सर्च ऑपरेशन शुरू किया। शनिवार देर रात तक कोई सुराग नहीं मिला, जिसके बाद रविवार सुबह 7 बजे से फिर से तलाशी अभियान शुरू किया गया।
करीब 46 घंटे बाद, गोताखोरों को इस्सोपुर टील क्षेत्र में महक का शव मिला, जबकि एक घंटे बाद टांडा पुल के पास सलमान का शव बरामद किया गया। तीन अन्य बच्चों की तलाश रविवार देर शाम तक जारी रही।

बीवी की बेवफाई बनी मौत की वजह
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को सलमान का अपनी पत्नी खुशनुमा से झगड़ा हुआ था। विवाद इतना बढ़ा कि खुशनुमा अपने प्रेमी के साथ घर छोड़कर चली गई। इससे आहत सलमान ने अगली दोपहर अपने चारों बच्चों के साथ यमुना नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली।
नदी में कूदने से पहले उसने तीन भावनात्मक वीडियो बनाकर अपनी बहन गुलिस्ता को भेजे। वीडियो में सलमान रोते हुए अपनी पत्नी और उसके प्रेमी को अपनी व बच्चों की मौत का जिम्मेदार बता रहा था।
शनिवार सुबह जब परिवार ने वीडियो देखे तो सभी सदमे में आ गए। सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंचा और रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया।

पानी में बहकर मिले शव, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
यमुना नदी में अधिक समय तक रहने के कारण सलमान और उसकी बेटी महक के शव फूल चुके थे, उनकी आंखें और जीभ बाहर निकली हुई थीं। शवों की स्थिति देखकर परिजन बेसुध हो गए और मौके पर मातम छा गया।
स्थानीय लोगों ने परिवार को ढांढस बंधाया, लेकिन पूरे इलाके में गम और आक्रोश का माहौल व्याप्त है।
निर्दयी पत्नी का न पसीजा दिल
सबसे दर्दनाक पहलू यह रहा कि पति और बच्चों की मौत के बाद भी खुशनुमा मौके पर नहीं पहुंची।
लोगों का कहना है कि “एक मां जिसने अपने बच्चों को जन्म दिया, उसका दिल भी नहीं पसीजा।”
इस घटना ने इंसानियत और रिश्तों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक महीने में तीसरी आत्महत्या — यमुना बना मौत का दरिया
कैराना में यमुना नदी से जुड़ी यह आत्महत्या कोई पहली घटना नहीं है।
बीते महीने 6 सितंबर को हरियाणा के सोनीपत जिले के गन्नौर थाना क्षेत्र के गांव पंचवटी निवासी आयुर्वेद छात्र हिमांशु ने इसी पुराने पुल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। उसका शव आठ दिन बाद छपरौली के पास मिला था।
करीब दो हफ्ते पहले भी एक अज्ञात युवक ने नदी में कूदकर जान दे दी थी, जिसका शव अब तक बरामद नहीं हुआ।
पुलिस रिकॉर्ड्स के अनुसार, यह एक महीने में तीसरी आत्महत्या की घटना है, जिसने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
वीडियो देखकर फूट-फूट कर रोए लोग
सलमान द्वारा भेजे गए वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
वीडियो में वह अपने बच्चों को गले लगाते हुए कहता है कि “अब हमारा कोई नहीं है।”
इन वीडियो को देखकर लोग आंसू नहीं रोक पा रहे, सोशल मीडिया पर ‘#JusticeForSalman’ जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं।
लोगों का कहना है कि यह सिर्फ एक पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि समाज में बढ़ती भावनात्मक असंवेदनशीलता का आईना है।
पुलिस की सतर्कता और तलाशी जारी
एएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि सलमान और उसकी बेटी के शव बरामद कर लिए गए हैं।
तीनों बच्चों की तलाश अब भी जारी है।
पुलिस प्रशासन ने नदी के आसपास के सभी इलाकों में गश्त और तलाशी बढ़ा दी है, ताकि बाकी शवों को जल्द से जल्द खोजा जा सके।

यह घटना क्यों सोचने पर मजबूर करती है
कैराना की यह घटना एक सामाजिक और भावनात्मक त्रासदी है, जो बताती है कि रिश्तों में टूटन और मानसिक तनाव किस हद तक लोगों को अंधकार में धकेल सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में काउंसलिंग, पारिवारिक संवाद और सामाजिक सहयोग की भूमिका बेहद जरूरी है।
यह घटना एक बार फिर यह सवाल छोड़ जाती है — क्या हमारे समाज में अब संवेदनाएं खत्म हो रही हैं?
हमदर्दी के स्वर
पूरा कैराना इस घटना से गमगीन है। लोग सलमान और उसके मासूम बच्चों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है — “अगर समाज ने वक्त रहते सलमान का दर्द समझा होता, तो शायद पांच ज़िंदगियां बच जातीं।”


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