नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात के भावनगर पहुंचे, जहां उन्होंने ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने 34,200 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह आयोजन केवल भावनगर तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे हिंदुस्तान की दिशा और दशा को बदलने वाला है। उन्होंने गुजरात और भावनगर के लोगों को बधाई दी और देशभर से मिले जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए जनता का आभार भी जताया।

सेवा पखवाड़े में देशभर में हो रही सेवा गतिविधियां
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सेवा पखवाड़ा का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों में देशभर में लाखों लोग इस अभियान से जुड़े हैं। गुजरात सहित विभिन्न राज्यों में सैकड़ों रक्तदान शिविर आयोजित किए गए और अब तक करीब एक लाख लोग रक्तदान कर चुके हैं। इसके अलावा स्वच्छता से जुड़े अभियानों में भी भारी संख्या में लोग शामिल हुए हैं। मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब देश नवरात्रि और त्योहारों के माहौल में प्रवेश कर रहा है, बाजारों में उत्साह है, उसी दौरान हम समुद्र से समृद्धि जैसे कार्यक्रम को भी मना रहे हैं।
“विदेशों पर निर्भरता सबसे बड़ा दुश्मन”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती किसी देश से दुश्मनी नहीं है, बल्कि दूसरे देशों पर हमारी निर्भरता है। उन्होंने कहा, “जितनी ज्यादा विदेशी निर्भरता, उतनी ज्यादा देश की कमजोरी।” उन्होंने इसे भारत का असली दुश्मन बताया और जोर दिया कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए आत्मनिर्भरता ही एकमात्र विकल्प है। मोदी ने कहा, “100 दुखों की एक ही दवा है और वह है आत्मनिर्भर भारत।”

कांग्रेस सरकारों पर हमला अपने भाषण में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद भारत में क्षमता की कोई कमी नहीं थी, लेकिन कांग्रेस सरकारों ने लाइसेंस-कोटा राज और अव्यवस्थित नीतियों से देश को पीछे धकेला। इसके चलते भारत को वह सफलता नहीं मिली, जिसका वह हकदार था। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन नीतियों से भारत के युवाओं को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ और देश विश्व बाज़ार से कटकर रह गया।
शिपबिल्डिंग और समुद्री शक्ति पर जोर
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा। उन्होंने कहा कि चाहे चिप हो या शिप, अब हमें सबकुछ भारत में ही बनाना होगा। समुद्री क्षेत्र में सुधारों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार ने बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर की श्रेणी में मान्यता देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब देश को अपना जहाज निर्माण उद्योग मजबूत करना चाहिए था, उस समय विदेशी जहाज किराए पर लिए गए। इसके कारण भारत का शिपबिल्डिंग इकोसिस्टम लगभग खत्म हो गया। उन्होंने बताया कि करीब 50 साल पहले भारत का 40 प्रतिशत व्यापार अपने जहाजों से होता था, लेकिन आज यह घटकर केवल 5 प्रतिशत रह गया है।
भारी आर्थिक नुकसान और भविष्य की दिशा
मोदी ने कहा कि आज भारत को अपने 95% व्यापार के लिए विदेशी जहाजों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे देश को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत की राह में सबसे बड़ी रुकावट करार दिया और जनता से आह्वान किया कि देश को फिर से समुद्री शक्ति के रूप में खड़ा करना होगा।


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