द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- सोमवार को द्वारका जिला के बाबा हरिदास नगर थाना व छावला थानार्न्तग द्वारका जिला पुलिस व काला जठेड़ी उर्फ औमप्रकाश काला गैंग के बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में दनादन गोलियां चली। बदमाशों ने पहले पुलिस पर गोलियां चलाई जिसके जवाब में पुलिस ने भी बदमाशों पर गोलियां चलाई जिसमें तीन बदमाश घायल हो गए। पुलिस ने बदमाशों को ईलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। पुलिस ने बदमाशों से 4 हथियार व एक बाईक बरामद की है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

द्वारका जिला पुलिस मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान संयुक्त पुलिस आयुक्त जतिन नरवाल पश्चिमी रेंज ने बताया कि जबरन वसूली, गिरोहों के बीच वर्चस्व की जंग और रंगदारी की कोशिश में जुटे दो बदमाशों मोहित उर्फ शूटर व मनीष उर्फ हाथी को बाबा हरिदास नगर थाना पुलिस टीम ने गश्त के दौरान महेश गार्डन, अनाज मंडी के पास मेन बहादुरगढ़ रोड़ पर मुठभेड़ के बाद पकड़ने में सफलता हासिल की है। इसमें बाबा हरिदास नगर थाना के एएसआई सुमेर सिंह व उसकी टीम ने बहादुरी का परिचय देते हुए बदमाशों का पीछा कर उन्हें दबोच लिया। जबकि एक बदमाश भागने में कामयाब हो गया। इसी बीच एसएचओ बलराम बेनिवाल भी पूछताछ के दौरान पुलिस ने दोनों बदमाशों से जब हथियारो की जानकारी जुटाई और उन्हें बरामद करने के लिए उनके ठिकाने पर गई और जैसे ही एचसी सुरेश हथियार उठाने लगा तो दोनो ने एकदम से हथियार उठाकर पुलिस पर चार राउंड गोलियां चलाई जिसके जवाब में पुलिस टीम ने भी 4 गोली चलाई जिससे दोनों के पैर में गोलियां लगने से घायल हो गए और पुलिस ने उन्हे पकड़ लिया तथा ईलाज के आरटीआर अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने आरोपियों से दो पिस्तौल और एक जिंदा कारतूस व एक बाईक बरामद की है। इसके बाद द्वारका पुलिस की एएटीएस व स्पेशल स्टाफ टीमों ने तीसरे आरोपी का प्रवीण उर्फ टोना पुत्र चतर सिंह निवासी दिचाऊं कलां, दिल्ली को भी मुठभेड़ के बाद पकड़ लिया। प्रवीण ने पुलिस पर दो गोलियां चलाई जिसके जवाब में पुलिस ने गोलियां चलाई जो उसके पैर में लगी और वह घायल होकर गिर गया। गिरते ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस ने उसके कब्जे से दो अत्याधुनिक पिस्तौल व 3 जिंदा कारतूस बरामद किए है। इस ऑपरेशन में द्वारका जिला स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर विश्वेन्द्र, एसआई राकेश, जयवीर, एएसआई करतार, एचसी प्रवीण, संदीप, देवकुमार और सिपाही हेमराज शामिल थे।

परिचयः-
दिल्ली के पुलिस आयुक्त के निर्देशों के अनुरूप, द्वारका जिले में जमीनी गश्त और पिकेट चेकिंग पर गहनता से काम किया जा रहा है और यह शानदार ऑपरेशन भी इसी का नतीजा है। इसके अलावा, ऑपरेशन नो गन्स, नो गैंग्स भी चल रहा था – ऐसे अपराधियों को पकड़ना, गिरोहों की रीढ़ तोड़ना, अप्रिय घटनाओं को रोकना,
किसी भी अवैध बंदूक को अनुमति न देना – इस आदेश के साथ, श्री अंकित सिंह, आईपीएस – डीसीपी द्वारका जिले ने ऑपरेशन – “नो गन्स, नो गैंग्स“ को हरी झंडी दिखाई। आज तक, इस ऑपरेशन के तहत 50 से अधिक हथियार और लगभग 100 कारतूस बरामद किए गए हैं, जो अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस को दर्शाता है।
इस लक्ष्य को साकार करते हुए, हमारी टीमें और इस बार, पीएस बीएचडी नगर और स्पेशल स्टाफ, द्वारका जिले के बहादुर पुलिसकर्मी, एक ही दिन में 2 अलग-अलग मौकों पर उल्लेखनीय सफलता हासिल कर रहे हैं।

घटनाएँः-
दिनांक 16.03.2025 को थाना बी.एच.डी. नगर में गोलीबारी की सूचना प्राप्त हुई। शिकायतकर्ता ने अपने निजी व्यवसाय से बताया कि वह किसी काम से नजफगढ़ गया था और उसे पता चला कि कुछ लड़कों ने विनोभा एन्क्लेव में उसके घर के मुख्य द्वार पर गोलीबारी की है। पुलिस उसके घर पहुँची, घर में लगे सी.सी.टी.वी. कैमरों की जाँच की और पाया कि लगभग 12ः25 बजे 03 लड़के मोटर साइकिल पर उसके घर के बाहर चक्कर लगा रहे थे, जिन्होंने भागने से पहले उसके घर पर गोलीबारी की।
प्रयास किए गए और तीनों की पहचान कर ली गई। एफ.आई.आर. 91/25, दिनांक 16.03.2025, यू/एस. 324(6)/3(5) बी.एन.एस. और 25/27 आर्म्स एक्ट, थाना बी.एच.डी. नगर पंजीकृत किया गया और आरोपी व्यक्तियों का पता लगाने के लिए पुलिस स्टेशन स्तर पर कई टीमों का गठन करके और जिले के ऑपरेशन स्टाफ को शामिल करके जांच के प्रयास शुरू किए गए। इससे पहले भी 09-10.मार्च 2025 की दरम्यानी रात हमलावरों ने एक प्रॉपर्टी डीलर की कार पर गोलियां चलाई थीं। इस संदर्भ में मामला एफआईआर संख्या 82/25, दिनांक 10.03.2025, धारा 324(6)/3(5) बीएनएस व 25/27 आर्म्स एक्ट, पीएस बीएचडी नगर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
कार्रवाईः-
17 मार्च को मामला एफआईआर संख्या 82/25 व 91/25 पीएस बीएचडी नगर में मौके पर जाकर जांच करने पर पता चला कि दोनों वारदातों में अपराधियों ने बाइक संख्या डीएल 4एसबीयू 7313 का इस्तेमाल किया था। घटनाओं की आगे की जाँच करने पर, अपराधियों की पहचान मोहित उर्फ शूटर (01 पिछली संलिप्तता), परवीन उर्फ टोना (13 पिछली संलिप्तताएँ और 02 मामलों में वांछित) और मनीष उर्फ हाथी (01 पिछली संलिप्तता) के रूप में हुई। अपराधियों को पकड़ने के लिए कई टीमों को काम सौंपा गया था।


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