बहादुरगढ़/अनीशा चौहान/- कलम की ताकत साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में रविवार को बैंक कॉलोनी में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। संस्था के प्रदेशाध्यक्ष जगबीर कौशिक समचाना द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता गीतकार कृष्ण गोपाल विद्यार्थी ने की। हिन्दी के उत्थान को समर्पित इस कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारों ने विश्व की तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भारत की राजभाषा हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने की मांग करते हुए इस दिशा में सामूहिक प्रयास किए जाने पर बल दिया। वैश्य आर्य कन्या महाविद्यालय बहादुरगढ़ की प्राध्यापिका मनजीत भारतीय के सानिध्य में हुए इस कार्यक्रम में सभी वक्ताओं ने अपने संबोधन में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में बढ़-चढ़कर भाग लेने की बात कही।
अपने अध्यक्षीय संबोधन में कृष्ण गोपाल विद्यार्थी ने अधिकाधिक भाषाओं के ज्ञान को स्वागत योग्य कदम बताने के साथ यह भी कहा कि हम कभी न भूलें कि हिन्दी मात्र भाषा नहीं अपितु हमारी मातृभाषा है और हमें मां के सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। वेद भारती व अनिल भारतीय गुमनाम ने अपने गीतों के माध्यम से हिन्दी के महत्व और हमारे जीवन में उसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। सुनीता सिंह ने अपने कार्यक्षेत्र में हिन्दी के उत्थान हेतु किए जाने वाले प्रयासों के परिणामस्वरूप मिली उपलब्धियों से अवगत कराया। डॉ मंजु दलाल ने जीवन की प्रारंभिक अवस्था में मिले भाषायी संस्कारों पर आधारित कविता सुनाई। कुमार राघव ने हिन्दी की प्रगति पर संतोष जताते हुए इसे और बढ़ावा देने की बात कही। राजकुमार अरोड़ा ने अंग्रेजी में सिग्नेचर करने वालों को हिन्दी में हस्ताक्षर करने का सुझाव दिया। कार्यक्रम में उपस्थित रहे हरप्रसाद जी, रजनीश, पूजा और सतीश आदि ने भी हिन्दी के उत्थान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का संकल्प लिया।
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