बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार्जशीट दायर 

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 20, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार्जशीट दायर 

मानसी शर्मा /-  NIA ने सोमवार को हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी। इसमें एजेंसी ने चार लोगों को आरोपी बनाया है। एनआईए ने मुताबिक हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में पहचाने गए आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है। चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में मामले में न्यायिक हिरासत में हैं।

चार्जशीट में एनआईए ने कई खुलासे किए

इस चार्जशीट में एनआईए ने कई बड़े खुलासे किए हैं। इसमें बताया गया है कि आईएसआईएस का साउथ मॉड्यूल ने 22 जनवरी को अयोध्या में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन बेंगलुरु के मल्लेश्वरम के बीजेपी जिला मुख्यालय में आईडी हमले की साजिश रची थी। इसके पीछे आईएसआईएस अल हिंद मॉड्यूल प्रमुख सूत्रधार है। विदेश से बैठकर आतंकी महबूब पाशा कोड नेम से मास्टरमाइंड को हमले का निर्देश दे रहे थे। लेकिन साजिश विफल होने के बाद कैफे में ब्लास्ट किया गया। इसी साल 1 मार्च को आईटीपीएल बेंगलुरु के ब्रुकफील्ड स्थित रामेश्वरम कैफे में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे। इस धमाके में होटल की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा था। एनआईए ने 3 मार्च को इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच से पता चला कि मुसाविर हुसैनशाजिब ही वह व्यक्ति था, जिसने बम लगाया था। साल 2020 में अल-हिंद मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद अब्दुल मथीन अहमद ताहा के साथ वो फरार हो गया था।

42 दिन बाद पश्चिम बंगाल ने किया गिरफ्तार

रामेश्वरम कैफे विस्फोट के 42 दिन बाद पश्चिम बंगाल में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के रहने वाले ये दोनों लोग आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े हुए हैं। उन्होंने पहले सीरिया में आईएसआईएस के इलाकों में हिजरा करने की साजिश रची थी। वे अन्य भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को आईएसआईएस की विचारधारा में कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ऐसे युवाओं में से थे।ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल किया। डार्क वेब से डाउनलोड किए गए भारतीय और बांग्लादेशी पहचान दस्तावेजों का भी इस्तेमाल किया। जांच में आगे पता चला कि ताहा को आतंकी शोएब अहमद मिर्जा ने मोहम्मद शहीद फैसल से मिलवाया था, जो लश्कर के बेंगलुरु मॉड्यूल मामले में फरार है। ताहा ने फिर फैसल, अपने हैंडलर महबूब पाशा, अमीर खाजा मोहिदीन और बाद में माज मुनीर अहमद से मिलवाया। 

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox