नजफगढ़ मेट्रो न्यूज़/ पश्चिमी जिला/ शिवकुमार यादव/- वाहन चोरी पर लगाम लगाने को लेकर दिल्ली में पश्चिमी जिला पुलिस की 5 पीएम योजना का जिला में व्यापक असर दिखने लगा है। जिला में पश्चिमी जिला में डीसीपी विचित्र वीर द्वारा चलाई जा रही 5 पीएम योजना में अब तक पुलिस व जनता की 5500 लोगों की एक सशक्त सामुदायिक टीम तैयार हो चुकी है जो न केवल लोगों को घर-घर में जाकर वाहन चोरी के खिलाफ जागरूक कर रही है बल्कि गलियों, चौराहों व सड़कों पर खड़े खुले वाहनों को थानों में जमा कर चोरों के मंसूबों पर पानी फेर रही है। जिला में अब इस योजना का व्यापक असर दिखने लगा है लोगों में जागरूकता के साथ-साथ वाहन चोरी की वारदातों पर भी अंकुश लगा है और इस योजना के बाद से जिला में वाहन चोरी की वारदातों में काफी गिरावट आई है।
दरअसल पश्चिम जिला पुलिस ने अपने जिले में वाहन चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया। इसके तहत पुलिस न केवल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किए हुए हैं बल्कि लोगों को भी जागरूक कर रही है। दरअसल लोग जल्दबाजी में या फिर लापरवाही में अपनी स्कूटी, बाइक, आदि गाड़ी को लॉक करना भूल जाते हैं, या फिर उसमें चाबी लगी छोड़ देते हैं। जिसका परिणाम यह होता है कि उनकी गाड़ी चोरी होने का रिस्क बढ़ जाता है।
पश्चिमी जिला पुलिस गाड़ी चोरी की वारदात पर नकेल कसने और लोगों को जागरूक करने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग से गाड़ी चोरी की वारदात को कम करने में लगी हुई है। इसका असर पश्चिमी दिल्ली के दो दर्जन से ज्यादा इलाकों में देखने को मिला। कई इलाकों में तो 90 फीसदी तक गाड़ी चोरी की वारदात कम हो गई है।
इस अभियान को लेकर डीसीपी विचित्र वीर ने बताया कि इस अभियान का नाम 5 पीएम यानी पुलिस, पब्लिक, प्रहरी, प्रीवेंटिव, मेकैनिज्म रखा गया है। इस अभियान के तहत जिन इलाकों में गाड़ी चोरी की वारदात ज्यादा होती है, उस इलाके को चिन्हित करके वहां पर 5 पीएम अभियान को चलाया जाता है। जब वहां पर चोरी की वारदात में गिरावट आ जाती है, तो फिर आगे की जिम्मेवारी थाना की पुलिस टीम को सौंप दी जाती है। डीसीपी विचित्र वीर ने बताया कि इस अभियान के तहत सुबह से शाम तक अलग-अलग इलाकों में पुलिसकर्मी पैदल घूमते हैं। जो भी स्कूटी, बाइक इत्यादि खुली मिलती है उसे उठाकर थाना में जमा करते हैं। लोगों के घरों के डोर बेल बजाकर उन्हें जागरूक करते हैं। जिनकी गाड़ी थाने में जमा होती है, उन्हें भी जागरूक करके समझाया जाता है। लापरवाही न करें और जल्दबाजी में गाड़ियों का लॉक खुला ना छोड़े। अपनी गाड़ी की सुरक्षा के लिए उसको लॉक लगाकर रखें। रात में जंजीर लगाकर रखें और गाड़ी में गियर लॉक लगा कर रखें। इतना ही नहीं शाम में 4 से 6 पाकों में अलग-अलग जगह पर नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को
इकट्ठा करके मीटिंग की जाती है। उन्हें समझाया जाता है, इस अभियान के बारे में। फिर उन्हीं लोगों के साथ लेकर पुलिसकर्मी खुद पेट्रोलिंग करते हुए गलियों में भी लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते हैं। पुलिस और पब्लिक साथ मिलकर इलाके में घूमती है, तो इसका और व्यापक असर देखने को मिलता है। सामुदायिक पुलिसिंग की टीम मैसेज के जरिए लोगों को इस अभियान को लेकर जागरूक करती है। एडिशनल डीसीपी राजा बांठिया की देखरेख में सामुदायिक कमेटी सेल के इंचार्ज मनीष मधुकर की टीम पश्चिमी जिला में यह अभियान कई थाना क्षेत्र में इलाकों को चिन्हित करके चला रही है। अब तक 5500 लोगों से पुलिस टीम वन टू वन मिल चुकी है।
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