मास्कों/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- व्लादिमीर पुतिन ने 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में यूक्रेन युद्ध में लड़ रहे सैनिकों को याद किया। उन्होंने कहा- मैं विनम्रतापूर्वक हमारे नायकों, विशेष सैन्य अभियान में भाग लेने वालों और उन सभी का सम्मान करता हूं जो हमारी मातृभूमि के लिए लड़ रहे हैं। साथ ही पुतिन ने पश्चिमी देशों से संबंध में सुधारने के संकेत देते हुए कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार है लेकिन रिश्तों में एक-दूसरे का सम्मान, विश्वास व ईमानदारी जरूरी है।
व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को अपने 5वें कार्यकाल के लिए रूस के राष्ट्रपति पद की शपथ ली। छह साल के नए कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ’मुझे विश्वास है कि हम सम्मान के साथ इस कठिन निर्णायक दौर से बाहर निकलेंगे और और भी मजबूत होकर उभरेंगे। हमने हमारे विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से लंबी अवधि के लिए जो भी योजना बनाई है, निस्संदेह उन्हें पूरा करेंगे।’ पुतिन ने यह भी कहा कि चुनौतियों के बीच रूसी नागरिकों द्वारा हाल के चुनावों में मुझ पर विश्वास जताकर इस बात की पुष्टि की कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
पुतिन ने कहा, ’आप रूस के नागरिकों ने पुष्टि की है कि देश सही रास्ते पर है. यह अभी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। मैं इसे हमारे साझा ऐतिहासिक लक्ष्यों के प्रति आपकी गहरी जागरूकता और हमारी पसंद, हमारे मूल्यों, हमारी स्वतंत्रता और रूस के राष्ट्रीय हितों की रक्षा के अटूट संकल्प के रूप में देखता हूं। राष्ट्रपति का पद संभालने के इस महत्वपूर्ण क्षण में, मैं हमारे देश के सभी क्षेत्रों के नागरिकों के साथ-साथ रूस के ऐतिहासिक क्षेत्रों में रहने वाले उन लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिन्होंने अपनी मातृभूमि के साथ एकजुट होकर खड़े रहना चुना है।’
यूक्रेन युद्ध में लड़ रहे रूसी सैनिकों को किया याद
व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध में लड़ रहे रूसी सैनिकों को याद करते हुए कहा, ’मैं विनम्रतापूर्वक हमारे नायकों, विशेष सैन्य अभियान में भाग लेने वालों और उन सभी का सम्मान करता हूं जो हमारी मातृभूमि के लिए लड़ रहे हैं।’ अपने भाषण में पुतिन ने अपने ऊपर लोगों के भरोसे को सही ठहराने के लिए अपनी संवैधानिक शक्तियों का उपयोग करने का वादा किया. उन्होंने देश की सेवा और सुरक्षा के लिए एकता, अखंडता और समर्पण के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ’मुझ पर आपके विश्वास को सही ठहराने के लिए मैं संविधान द्वारा राष्ट्राध्यक्ष के रूप में मुझे दी गई शक्तियों का उपयोग करते हुए, मैं वह सब कुछ करूंगा, जो मैं कर सकता हूं।’ व्लादिमीर पुतिन ने कहा, ’हम एक एकजुट और महान राष्ट्र के रूप में खड़े हैं। हम एक साथ मिलकर सभी बाधाओं को दूर करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि हम जो भी कल्पना करते हैं वह वास्तविकता बन जाए। साथ मिलकर हम जीतेंगे. हम उन सभी देशों के साथ अच्छे संबंध मजबूत करने के लिए तत्पर हैं और रहेंगे जो रूस को एक विश्वसनीय और ईमानदार भागीदार के रूप में देखते हैं। वास्तव में, दुनिया के ज्यादातर देश हमें एक विश्वसनीय और ईमानदार साझेदार मानते हैं।
पश्चिमी देशों से कड़वाहट कम करने की जताई इच्छा
उन्होंने पश्चिमी देशों के साथ कड़वाहट कम करने की भी इच्छा जताई. पुतिन ने कहा, ’हम पश्चिमी देशों के साथ बातचीत को अस्वीकार नहीं कर रहे हैं। चुनाव उनका हैः क्या वे रूस के विकास को रोकने की कोशिश जारी रखना चाहते हैं, आक्रामकता की नीति जारी रखना चाहते हैं, वर्षों से हमारे देश पर जो निरंतर दबाव डाल रहे हैं उसे जारी रखना चाहते हैं, या सहयोग और शांति का रास्ता तलाशना चाहते हैं। हम सुरक्षा और रणनीतिक स्थिरता को ध्यान में रखकर बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन ताकत दिखाने की स्थिति में नहीं, हम अहंकार या दंभ के बिना समान स्तर पर और एक-दूसरे के हितों के सम्मान के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।’
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