द्वारका/- जैसे-जैसे दीपावली का त्योहार नजदीक आ रहा है, इसकी रौनक चारों ओर देखने को मिल रही है। घर हो या बाहर साफ-सफाई, सजावट और खरीदारी को लेकर लोगों में भरपूर उत्साह है। सजावट के सामान के साथ-साथ लोग शुभता के प्रतीक दीयों की खरीदारी पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि कार्तिक मास के पावन अवसर पर दीपदान का विशेष महत्व होता है। इस्कॉन द्वारका में 11 से 14 नवंबर तक चलने वाले चार दिवसीय दीपावली कार्निवाल में भक्तों के लिए निश्शुल्क दीपदान का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। दीपावली के दिन लगभग दस हजार की संख्या में लोग इसमें भाग लेंगे। दीपदान के माध्यम से वे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को याद करते हैं, उसी प्रसन्नता एवं उत्साह के साथ जिस तरह अयोध्यावासियों ने श्रीराम, जो कि 14 वर्ष के वनवास के बाद पुनः अयोध्या आए थे, प्रसन्नता के दीप जलाए थे।

ये दीप प्रतीक हैं प्रसन्नता के, समृद्धि के और इस विश्वास के कि भगवान राम एक रक्षक की भाँति हर संकट में हमारी सहायता करेंगे। दीपों के उजाले की तरह हमारा जीवन भी प्रकाशमय होगा। अतः दीपावली के दिन लोग भले ही कितने व्यस्त क्यों न रहें लेकिन दीपदान करना नहीं भूलते। माना जाता है कि भगवान को मात्र एक दीपक दिखाने से जन्मों-जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है जैसे माँ यशोदा को प्राप्त हुई थी। जब दीपावली के दिन माँ यशोदा की ऊखल-रस्सी के साथ कृष्ण ने प्रेमवश अपने आपको बाँध लिया था। तभी से इस माह को दामोदर मास भी कहा जाता है। इसलिए भी इस माह में दीपदान की महत्ता को लोग स्वीकार करते हैं और खुशी-खुशी दीपदान करते हैं। इस दिन आप भी इस्कॉन द्वारका दिल्ली श्री श्री रुक्मणि द्वारकाधीश मंदिर में आइए। लक्ष्मीस्वरूपा माता रुक्मणि से उन्नत जीवन के लिए आशीर्वाद प्राप्त करें और दीपों के इस त्योहार का आनंद उठाएँ।
दीपावली सेलिब्रेशन कार्यक्रम में यहाँ बच्चों के लिए दीया मेकिंग, रंगोली डेकोरेशन, धनुष कला आदि वर्कशॉप आयोजित की जाएँगी, जो बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। इसके अतिरिक्त सेल्फी प्वाइंट भी होगा, जहाँ इस दीपावली को आप यादगार बना सकते हैं।
इस बार दीपावली पर इस्कॉन द्वारका ने तुलसी प्लांट वितरण का निश्चय किया है ताकि घरों के आसपास व हवा में होने वाले प्रदूषण से बचाव हो सके। इन दिनों अनेक प्रकार की बीमारियाँ प्रदूषण की वजह से होती हैं। इसी तरह कपूर आदि सुगंधित द्रव्यों से बनी सुंदर पोटली को भी आप घर ले जा सकते हैं जो प्रदूषण को कम करने के लिए खासतौर से बनाई गई है। इस तरह आप प्रदूषणरहित दीपावली का संकल्प लेकर धूमधाम से इस त्योहार मना सकते हैं।
दीपावली के एक दिन पश्चात अन्नकूट उत्सव में भी भाग लेने की तैयारी अभी से कर लीजिए, जहाँ भगवान को पहाड़ की तरह ऊँचे पकवानों का भोग लगेगा और वहीं प्रसाद के रूप में भक्तों को वितरित किया जाएगा। अतः इस कार्निवाल में भाग लेने के लिए थोड़ा समय अवश्य निकालिए और नए अनुभव के साथ अपने दिन को आगे बढ़ाएँ।


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