तीन महीने में डेढ़ करोड़ किसानों तक पहुंचेगी सरकार, किसानों को देगी तीन बड़े तोहफे

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तीन महीने में डेढ़ करोड़ किसानों तक पहुंचेगी सरकार, किसानों को देगी तीन बड़े तोहफे

-एक अक्तूबर से घर-घर किसान क्रेडिट कार्ड, किसान ऋण पोर्टल की शुरुआत और विंड्स मैन्युअल का अनावरण करेगी सरकार

नई दिल्ली / शिव कुमार यादव / – 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अब कमर कस ली है। किसानों को आकर्षित करने के लिए सरकार ने अगले तीन महीने में देश भर के डेढ़ करोड़ किसानों तक पंहुचने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार किसानों के लिए तीन महत्वपूर्ण योजनाओं को लेकर आई है और अगले तीन महीने में इस योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड पहुंचाने, किसान ऋण पोर्टल की शुरुआत करने और विंड्स मैन्युअल का अनावरण कर किसानों को मौसम की समय से पहले जानकारी देने के शुरूआत कर देगी। केंद्र सरकार ने वित्त मंत्रालय और कृषि मंत्रालय के सहयोग के साथ देश के करोड़ों किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों के हित के लिए शुरू की जाने वाली इन योजनाओं का अनावरण कर हर किसान तक पहुंचाने की पूरी योजना की अधिकारियों के साथ चर्चा की।

इन बड़ी योजनाओं से किसानों को लुभाने की तैयारी
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, किसानों के लिए नई पहल की शुरुआत केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की। इस पहल में घर घर किसान क्रेडिट कार्ड पहुंचाने, किसान ऋण पोर्टल की शुरुआत करने और विंड्स मैन्युअल का अनावरण कर किसानों को मौसम की समय से पहले दी जाने वाली जानकारी शामिल है। इस योजना को 1 अक्तूबर से 31 दिसंबर तक चलाया जाएगा। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस वक्त देश में तकरीबन नौ करोड़ प्रधानमंत्री लाभार्थी किसान क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं।
           एक अक्तूबर से शुरू होने वाली योजना के तहत 3 महीने के भीतर डेढ़ करोड़ किसानों को घर-घर किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जाने की तैयारी की गई है। इसमें छोटे किसानों के साथ-साथ मछुआरों और पशुपालन करने वाले समुदाय को भी शामिल किया गया है। केंद्र सरकार की योजना यही है कि अगले तीन महीने के भीतर डेढ़ करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करा कर लाख रुपए का अल्पकालीन ऋण उपलब्ध करवाया जा सके। इसके अलावा किसान ऋण पोर्टल की भी शुरुआत की गई है। ताकि किसानों को पहले की तुलना में और आसानी से ऋण मिल सके।

किसानों को आसान कर्ज के लिए भी व्यवस्था
किसान ऋण पोर्टल की शुरुआत करते वक्त केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के किसानों को आसानी से ग्रामीण बैंक को और सहकारी बैंकों से ऋण मिल सके उसके लिए उनकी सरकार इस दिशा में बड़े कदम उठा रही है। इस पोर्टल का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की बेहतर और आसानी से मिलने वाले ऋण को उपलब्ध कराने में इसकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मंत्री निर्मला सीतारमण कहती हैं कि सहकारी बैंक ज्यादा से ज्यादा किसानों की समस्याओं को दूर करने और आसानी से ऋण उपलब्ध कराए इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा वाणिज्य बैंक की तुलना में सहकारी बैंकों की विसंगतियों पर भी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है ताकि वह इसको पता करें कि जो भी विसंगतियां हैं वो क्यों आ रही हैं।

’23 हजार करोड़ से सवा लाख करोड़ पहुंचा कृषि बजट’
घर घर केसीसी अभियान के बारे में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कहते हैं कि यह अभियान किसान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। हमारे अधिकारी और कर्मचारी प्रत्येक पात्र किसान तक अगले तीन महीने में पहुंचकर केंद्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से उनको लाभान्वित करवाएंगे। तोमर कहते हैं कि उनकी सरकार किसानों के हित के लिए हमेशा आगे रही है। यही वजह है कि कृषि बजट में लगातार इजाफा होता जा रहा है। वह कहते हैं कि 2013-14 में कृषि बजट करीब 23,000 करोड़ रुपये था। जो अब सवा लाख करोड़ तक पहुंच गया है। जो इस बात का संकेत है कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को कितना महत्व देती है।

कृषि मंत्री के मुताबिक, इन पहलों का उद्देश्य कृषि में क्रांति लाना, वित्तीय समावेशन बढ़ाना, डेटा उपयोग के सहयोग से पूरे देश में किसानों के जीवन में सुधार लाना सरकार की प्राथमिकता है। यही वजह है कि किसानों के दरवाजे पर उनकी सरकार जाकर जो योजनाएं हैं उसके बारे में न सिर्फ उनको बताया जा रहा है बल्कि प्रत्येक पात्र किस को लाभान्वित भी किया जा रहा है। उनका कहना है कि जो पत्र किसान हैं उनको इस बारे में जिला कृषि अधिकारी के माध्यम से संपर्क किया जा रहा है। फिर भी जिन किसानों को इस बारे में अधिक जानकारी चाहिए वह अपने नजदीकी कृषि सेवा केंद्र या कृषि अधिकारी से भी संपर्क कर सकते हैं। 24 घंटे की हेल्पलाइन पर भी किसानों को सभी जानकारियां उपलब्ध हो जाएंगी।

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