अरुणाचल प्रदेश में जी-20 की बैठक से चीन का किनारा, श्रीनगर बैठक का भी विरोध

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 30, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

अरुणाचल प्रदेश में जी-20 की बैठक से चीन का किनारा, श्रीनगर बैठक का भी विरोध

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- भारत के अरूणाचल में जी-20 की रिसर्च एनोवेशन इनिशिएटिव बैठक में विश्व के 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। लेकिन चीन ने इस बैठक से अपने आप को अलग कर लिया है। इससे एक बात जरूर साफ हो गई की चीन अभी भी भारत को लेकर अपने भयानक मंसूबे पाले हुए है। हालांकि अभी चीन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नही आया है लेकिन चीन ने सांकेतिक तौर पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए ऐसा किया है क्योंकि चीन अरूणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न अंग नही मानता है। वहीं कश्मीर में होने वाली जी-20 की बैठक से भी चीन ने अपने आप को अलग कर लिया है।  
                बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत बताता है। यही कारण है कि इसे भारतीय राज्य के रूप में नहीं मानता है। हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि चीन ने आधिकारिक तौर पर इसको लेकर बयान दर्ज कराया है या नहीं। क्योंकि अब तक चीन भारत के जी-20 अध्यक्षता को समर्थन देते आया है। इस कड़ी में चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रियों की बैठक में शिरकत भी की थी।
                पिछले साल जी-20 की अध्यक्षता मिलने से पहले से ही भारत ने कहा था कि वह जी-20 को देश के सभी कोनों में ले जाएगा। संयुक्त राष्ट्र में भारत की राजदूत रुचिरा कंबोज ने भी हाल ही में कहा था कि सभी 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में जी-20 से जुड़ी अलग-अलग बैठकें होंगी। आधिकारिक सूत्रों ने यह भी पुष्टि की कि भारत मई में जम्मू और कश्मीर में जी-20 बैठक की मेजबानी करेगा। यह बैठक संस्कृति और उसके आदान-प्रदान पर होगी। हालांकि, अब इस बैठक को लेकर भी पाकिस्तान और चीन ने गुटबाजी शुरू कर दी है। श्रीनगर में प्रस्तावित बैठक की मेजबानी करने से रोकने के लिए पाकिस्तान, चीन, तुर्की और सऊदी अरब पैरवी कर रहे हैं। श्रीनगर में प्रस्तावित बैठक का विरोध करने वाले ये सभी देश जी-20 के सदस्य हैं।
                पाकिस्तान जम्मू और कश्मीर में जी-20 बैठक के किसी भी प्रस्ताव को अंतर्राष्ट्रीय वैधता हासिल करने के लिए भारतीय प्रयास के रूप में देखता है। उसने पिछले साल कहा था कि जी-20 के सदस्य देशों को विवादित हिस्सों में कानून और न्याय की अनिवार्यताओं के बारे में पूरी तरह से अवगत होना चाहिए। इस कड़ी में उन्हें श्रीनगर में प्रस्तावित जी-20 की बैठ को सिरे से खारिज कर देना चाहिए। इस पर चीन ने पाकिस्तान का समर्थन करते हुए जी-20 के सदस्य देशों से जम्मू और कश्मीर में ऐसे किसी भी एकतरफा कदम से स्थिति को जटिल बनाने से बचने के लिए कहा। इसके साथ ही चीन ने तर्क दिया था कि जी-20 वैश्विक आर्थिक सहयोग के लिए एक प्रमुख मंच रहा है।

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox