
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देश-दुनिया/शिव कुमार यादव/- रूस व यूक्रेन के बीच सैन्य तकरार के बढ़ते खतरे के बीच ताइवान में चीन की बढ़ते दखल पर अमेरिका ने एब बार फिर ड्रैगन को चेतावनी दी है। अमेरिका ने चीन को आगाह किया है कि वह इस मौके का फायदा ताइवान में अपना दखल बढ़ाने के तौर पर न उठाए। हालांकि अमेरिका ने चीन की पहले ही घेराबंदी कर रखी है फिर भी ड्रैगन भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।
ताइवान को लेकर चीन के इरादे नेक नहीं हैं। जहां अमेरिका व अन्य देश उसे लगातार आगाह कर रहे हैं, वहीं ड्रैगन भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। अमेरिका ने परमाणु हथियारों से लैस दो युद्धपोत एक फिलीपींस के समुद्र में तो एक अन्य जापान के योकोसूका में तैनात कर दिया है। इसके जरिए उसने चीन को सख्त संदेश दिया है कि वह ताइवान से दूर रहे।
उधर, चीन ने भी अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तैनाती के जरिए अमेरिका को जवाब दिया है। पीएलए ने रविवार को ताइवान के दक्षिण पश्चिमी वायु रक्षा क्षेत्र में 39 लड़ाकू विमान भेजे हैं। इनमें बड़े पैमाने पर जे-10 और जे-16 जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं।
इस बीच, ताइवान की वायु सेना ने हवाई गश्त और जमीन से हवा में मार करने वाली प्रक्षेपास्त्र प्रणाली को सक्रिय कर दिया है ताकि पीएलए को किसी भी आक्रामकता से रोका जा सके। अक्तूबर 2021 के बाद पहली बार पीएलए ने अमेरिकी अभ्यास के मुकाबले में इतनी बड़ी तादाद में लड़ाकू विमान तैनात किए हैं।
ताइवान के वायु क्षेत्र के चीन द्वारा बड़े पैमाने पर हवाई उल्लंघन को देखते हुए अमेरिकी नौसेना ने अपने तीन लड़ाकू युद्धपोत ताइवान की मदद के लिए भेजे हैं। अमेरिकी पोत कार्ल विन्सन व अब्राहम लिंकन ताइवान के पास गश्त कर रहे हैं तो रोनाल्ड रेगन जापान के योकोसूका के पास गश्त कर रहा है। इनके अलावा अमेरिका के कई अन्य लड़ाकू पोतों को भी सक्रिय किया गया है। इनके अलावा जापान के ह्युगा श्रेणी के हेलिकॉप्टर विध्वंसक भी मोर्चे पर हैं। अमेरिका पांचवीं पीढ़ी के बमवर्षक लड़ाकू विमानों 26 एफ-35 को भी तैनात कर रहा है।
ताइवान के पास अमेरिकी नौसेना के जमावड़े से चीन को साफ चेतावनी दी जा रही है कि यूक्रेन संकट की आड़ में वह ताइवान पर कब्जा जमाने की कोशिश न करे। चूंकि अमेरिका व अन्य पश्चिमी देश यूक्रेन को लेकर रूस के साथ टकराव की स्थिति में हैं, ऐसे में चीन ताइवान पर चढ़ाई कर सकता है, इसलिए अमेरिका ने उसकी घेराबंदी सख्त कर दी है। जानकारों का कहना है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग यूक्रेन संकट के बीच ताइवान को लेकर आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने की योजना बना सकते हैं, इसलिए उन्हें पहले ही आगाह किया जा रहा है।
बाइडन प्रशासन ने इस महीने के आरंभ में चीन को पहले ही बता दिया है कि उसकी भारत के लद्दाख में पीएलए की निर्माण गतिविधियों पर भी नजर है। इसे लेकर चीन का भारत के साथ तकरार जारी है।
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