नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/छत्तीसगढ़/ शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की सुप्रीमों, छत्तीसगढ़ विधानसभा की सबसे वरिष्ठ महिला विधायक डॉ रेणु जोगी ने कहा आजादी के बाद सबसे बड़ी महामारी के रूप में हम सब कोरोना वायरस का सामना कर रहे है। जिससे लड़ने के लिए देश भर में स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह चरमरा गई है। ऐसे समय मे छत्तीसगढ़ के दूरस्थ ग्रामीण वनाचंल विशेषकर सरगुजा और बस्तर संभाग में पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी के तीन साल के डाॅक्टर आज मजबूती के साथ मोर्चा संभाले हुए है और गांव, गरीब, ग्रामीणों और आदिवासियों को सेवाएँ दे रहे है। जिन्हें जोगी डॉक्टर के नाम से जाना जाता है।
डॉ रेणु जोगी ने कहा तत्कालीन जोगी शासनकाल में पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और वनाचंल जहाँ अधिकांशतः MBBS डॉक्टर प्रेक्टिस करने नहीं जाते वहाँ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए PMHM (Practitioner In Modern Holistic And Medicine) का त्रिवर्षीय चिकित्सा पाठ्यक्रम गांव, गरीब, ग्रामीणों और आदिवासियों को समाज के अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक स्वस्थ्या सेवाएँ देने के उद्देश्य से शुरू किया था। जिसमें सैकड़ों लोगों ने कोर्स को पूरा कर आज ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती से संभाले हुए है और कोरोना महामारी में लोगो को सेवाएं दे रहे है जो ग्रामीण-वनाचंल स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है।
डॉ रेणु जोगी ने कहा राज्य में जोगी सरकार के बदलते ही भाजपा सरकार ने इस कोर्स को बंद कर दिया जो ग्रामीणों के साथ कुठाराघात था अन्यथा आज छत्तीसगढ़ में हजारों की संख्या में डॉक्टर बन जाए रहते और छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर रहती।
डॉ रेणु जोगी ने कहा देश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए जोगी फार्मूले के त्रिवर्षीय चिकित्सा पाठ्यक्रम को लागू करने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को पत्र लिखा और कहा कोरोना की दूसरी लहर का कहर से देशभर के लाखों लोगों की जानें जा चुकी है लाखों लोग पीड़ित है। यह वायरस शहरों से निकलकर अब गांव में पहुंच गया है ऊपर से तीसरा लहर का डर भी लोगों सता रहा है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है। विशेष कर देश के बड़े भूभाग ग्रामीण और वनाचंल को फोकस करना पड़ेगा और वहाँ डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए जोगी फॉर्मूला को लागू करना चाहिए।
डॉ रेणु जोगी ने कहा ज्ञात हो कि पूर्ववर्ती केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को छत्तीसगढ़ का त्रिवर्षीय चिकित्सा पाठ्यक्रम का फाॅर्मूला लागू करने का निर्देश दिया था, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पाठ्यक्रम भी तैयार कर लिया था। यह कोर्स एक तरह छत्तीसगढ़ के त्रिवर्षीय चिकित्सा पाठ्यक्रम की नकल थी, विशेषज्ञों के अनुसार कोर्स में थोड़ा फेरबदल ही किया गया था। कोर्स का नाम बदलकर बैचलर ऑफ कम्युनिटी मेडिसिन कर दिया गया था , केंद्र से हरी झंडी मिलने के बाद छत्तीसगढ़ में तत्कालीन भाजपा सरकार एक बार फिर जोगी फार्मूले के डाक्टर बनाने की तैयारी की गई थी । राज्य शासन ने प्रदेश में पांच कॉलेज खोलने का प्रस्ताव तैयार किया था लेकिन राज्य सरकारों की उदासीनता और इच्छशक्ति के कारण यह कोर्स लागू नहीं किया जिसका परिणाम देश की जनता भोग रही है।
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