
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नजफगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- नजफगढ़ में तहसील रोड पर स्थित पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिकल विभाग के एक अस्टिेंट इंजिनियर का 50 हजार की रिश्वत का विडियों सोशल मीडिया में वारयल हो रहा है। लेकिन अभी तक पीडब्ल्यूडी के अधिकारी इस मामले कुछ नही कह रहे है। हालांकि वायरल विडियों में ठेकेदार ने दावा किया हे कि पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिकल विभाग में कार्यरत अस्टिेंट इंजिनियर सहदेव सिंह ने बिल पास करने की एवज में 50 हजार की रिश्वत मांगी थी। विडियों में उक्त अस्टिेंट इंजिनियर 500-500 के नोट रिश्वत में लेकर जेब में डालता साफ दिखाई दे रहा है।
सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार किसी से छूपा नही है। यदाकदा अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मामले उजागर भी होते रहते है फिर भी प्रशासन सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में नाकाबिल ही साबित हुए है। ऐसा ही एक रिश्वत का मामला नजफगढ़ में भी एक विडियों में वायरल हो रहा है जिसमें पीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिकल विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर पर एक ठेकेदार ने बिल पास करने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। इस संबंध में ठेकेदार बिजेन्द्र शर्मा ने बताया कि उनकी वीके इलेट्रिकल्स कंपनी ने सरकारी काम का टेंडर लिया हुआ था लेकिन काम पूरा होने के बाद इस कंपनी के बिल को बिना पास किये रोक दिया गया और तो और उल्टा उनसे बिल पास करने के बदले लाखों रुपए बतौर रिश्वत की मांग की गई। ठेकेदार बिजेंदर शर्मा ने आरोप लगाया की उक्त घूसखोर इंजीनियर ने पहली बार उन्हें दूसरी जगह बुलाकर रिश्वत ली। हर बिल को पास करने के बदले पैसे देने की वजह से तंग आकर ठेकेदार ने ही इस मामले में असिस्टेंट इंजीनियर को पैसे देते हुए उसका विडिओ बना लिया। यहाँ पर हम आपको बता दे की इस घूसखोर अस्सिटेंट इंजीनियर का नाम सहदेव सिंह जो नजफगढ़ में प्ीडब्ल्यूडी के इलेक्ट्रिकल विभाग में कार्यरत है। विडिओ में आप देख सकते है की ये घूसखोर इंजीनियर 500 सो की गड्डी को जेब में रखते हुए दिख रहा है। जो प्ीडब्ल्यूडी में सरकारी टेंडर के तहत किये गए काम का बिल पास करवाने के लिए रिश्वत के रूप में 500 सो की गड्डी को हंसते हुए बड़ी आराम से अपनी जेब में रख रहा हैं। वो भी अपने दफ्तर में बिना किसी डर और शर्म के, इतना ही नहीं जब 10000 ( दस हजार रुपए ) लेने के बाद इस घूसखोर इंजीनियर को लगा कि पैसे थोड़े कम हैं तो उसने पीड़ित ठेकेदार से 5000 रुपए और मांगे, उसके बाद एई साहब ने मुस्कुराते हुए इन नोटों को भी जेब में रखा और साथ ही यह नसीहत भी दे डाली की आगे से सब कुछ मिल बैठकर तय कर लेंगे, झगड़ा करने से किसी का कोई फायदा नहीं होता।
गौरतलब है की शिकायतकर्ता ने जब इस पुरे मामले की शिकायत पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर इन चीफ शशिकांत को की तो उन्होंने इस घूसखोर इंजीनियर के खिलाफ करवाई करने की बजाये उसे इलेक्ट्रिकल का अतिरिक्त प्रभार देकर मामले को दबा दिया। इस मामले में कहीं इन्साफ ना मिलता देख अब शिकायतकर्ता ने पीडब्लयूडी अधिकारियों से लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और प्रधानमंत्री कार्यालय को भी शिकायत की कॉपी भेजी हैं लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में शिकायतकर्ता ने मीडिया से इस मामले में इंसाफ दिलवाने की गुहार लगाई है ताकि ऐसे भ्रष्ट इंजीनियरओ पर कड़ी कार्रवाई हो सके।
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