• DENTOTO
  • 40% से अधिक दिव्यांगता वालों को मिलेगा MBBS में एडमिशन, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- NMC अपने नियम बदलें

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 21, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    40% से अधिक दिव्यांगता वालों को मिलेगा MBBS में एडमिशन, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- NMC अपने नियम बदलें

    मानसी शर्मा /- सुप्रीम कोर्ट ने 40-45% बोलने और भाषा द‍िव्यांगता वाले उम्मीदवारों को भी MBBS में प्रवेश लेने का अवसर दिया है। जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की पीठ ने 15 अक्टूबर मंगलवार को अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि किसी कैंडिडेट को महज40%से ज्यादा बोलने और भाषा को समझने की दिव्यांगता के चलते मेडिकल कॉलेज में दाखिले से इंकार नहीं किया जा सकताहै।

    कोर्ट ने कहा कि द‍िव्यांगता का अस्तित्व ही किसी उम्मीदवार को MBBS कोर्स करने से नहीं रोक सकता है। द‍िव्यांगता मूल्यांकन बोर्ड द्वारा एक रिपोर्ट जारी की जानी चाहिए कि उम्मीदवार चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं है।

    कोर्ट ने NMCको दिया निर्देश

    सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि NMC(नेशनल मेडिकल कमीशन) के वे नियम, जो सभी प्रकार की दिव्यांगता वाले उम्मीदवारों को मेडिकल शिक्षा से बाहर करते हैं, बहुत सख्त हैं। इसलिए कोर्टने NMCको निर्देश दिया है कि वे इन नियमों को बदलें और द‍िव्यांग वर्ग के उम्मीदवारों के लिए अधिक समावेशी और सहायक दृष्टिकोण अपनाएं।

    क्या है पूरा मामला?

    सुप्रीम कोर्ट ने छात्र ओमकार याचिका पर फैसला सुनाया है। याचिकाकर्ता ने 1997 के स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियमन को चुनौती दी थी। जो 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्ति को MBBS करने से रोकता है।इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 40% की मानक दिव्यांगता का होना किसी व्यक्ति को मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने से नहीं रोकता,जब तक कि विशेषज्ञ की रिपोर्ट में यह न कहा गया हो कि अभ्यर्थी MBBS की पढ़ाई करने में असमर्थ है।

    वहीं, अपने फैसले पर कायम सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर बुधवारको एक उम्मीदवार को, जिसकी वाणी और भाषा से जुड़ी 45% दिव्यांगता है, MBBS पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति दी थी। कोर्ट के द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने कहा था कि वह उम्मीदवार मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम है, इसलिए उसे एडमिशन दिया जा सकता है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox