
अहमदाबाद/अनीशा चौहान/- गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून, गुरुवार को हुआ भीषण विमान हादसा पूरे देश को झकझोर गया है। एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (AI-171), जो लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ था, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह विमान मेघाणी नगर क्षेत्र में स्थित बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर आकर गिरा, जिससे पूरा इलाका दहशत में आ गया।
इस भीषण हादसे में कुल 265 लोगों की जान चली गई, जिनमें 230 यात्री, 12 क्रू मेंबर और हॉस्टल में मौजूद 24 लोग शामिल हैं। विमान में सवार लोगों में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक थे। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस विनाश के बीच एकमात्र जीवित यात्री, ब्रिटिश नागरिक विश्वश कुमार रमेश (उम्र 40) रहे, जो सीट 11A पर बैठे थे और इमरजेंसी एग्जिट के पास होने के कारण बच गए।
अहमदाबाद हादसे में सब कुछ राख, सिर्फ भगवद्गीता रही सुरक्षित
जब हादसे के बाद दमकलकर्मी और स्वयंसेवक राहत और बचाव कार्य में जुटे थे, तभी मलबे के बीच से भगवद्गीता की एक प्रति पूरी तरह सुरक्षित हालत में मिली। यह दृश्य सबके लिए चमत्कारी था। जहाँ विमान के मलबे और धातु तक पिघल चुके थे, वहाँ एक धार्मिक ग्रंथ का बिना जले सुरक्षित मिलना आस्था को झकझोरने वाला क्षण था।
एक स्वयंसेवक ने बताया, “हमें लगा था कि इस inferno में कुछ भी नहीं बचेगा। लेकिन जब हमने भगवद्गीता को देखा तो हमारी आंखें नम हो गईं। यह चमत्कार जैसा था। सिर्फ ऊपर हल्की कालिख थी, अंदर के पन्ने वैसे के वैसे थे। इस दृश्य की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में एक व्यक्ति भगवद्गीता को हाथ में पकड़े हुए दिखाई दे रहा है, और आसपास के लोग इसे “ईश्वर की कृपा” बता रहे हैं।
हादसे की जांच शुरू, सवालों के घेरे में ड्रीमलाइनर
सरकार ने हादसे की जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को निर्देश दिए हैं। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने कहा कि यह जांच अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार की जाएगी। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की तकनीकी खामी की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि इसी मॉडल से पहले भी सुरक्षा को लेकर सवाल उठ चुके हैं।
कहां और कैसे हुआ हादसा?
विमान ने अहमदाबाद से उड़ान भरी थी और कुछ सेकंड बाद ही यह बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिर गया। आसपास के कई मकान भी चपेट में आ गए। आग की लपटें इतनी भीषण थीं कि इलाके में कुछ भी बचा नहीं। राहत कार्य में सेना, दमकल विभाग, NDRF और स्थानीय पुलिस की टीमों को लगाया गया।
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