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    21 दिन बाद पाकिस्तान से लौटे बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ

    -पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर से सीमा पार कर पहुंचे थे पाकिस्तान

    अनीशा चौहान/-  पाकिस्तान ने 21 दिन की हिरासत के बाद भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूर्णम कुमार शॉ (पीके शॉ) को भारत को सौंप दिया है। यह घटना 23 अप्रैल 2025 को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में घटी थी, जब शॉ गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तानी क्षेत्र में चले गए थे।

    अनजाने में पार की सीमा, पकड़े गए पाकिस्तानी रेंजर्स के हाथ

    बीएसएफ की 182वीं बटालियन के जवान पूर्णम कुमार शॉ उस दिन स्थानीय किसानों की सुरक्षा के लिए तैनात थे। यह इलाका भारत-पाकिस्तान सीमा के बेहद करीब है। भारतीय सीमा पर बाड़ लगी होती है, लेकिन असली अंतरराष्ट्रीय सीमा एक छोटे पत्थर के स्तंभ से चिह्नित है, जिसे नए जवानों के लिए पहचानना कठिन हो सकता है। गर्मी से राहत पाने के लिए शॉ पेड़ की छांव में गए और इसी दौरान अनजाने में सीमा पार कर गए।

    पाकिस्तान ने जारी की तस्वीरें, हिरासत में दिखे पीके शॉ

    सीमा पार करते ही पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया। बाद में पाकिस्तान ने उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए दो तस्वीरें जारी कीं। एक तस्वीर में शॉ की आंखों पर पट्टी बंधी थी और वह एक गाड़ी में बैठे थे। दूसरी तस्वीर में उनकी राइफल और अन्य सामान जमीन पर पड़ा हुआ था।

    परिवार की गुहार और भारत का राजनीतिक दबाव

    पीके शॉ के परिवार को 24 अप्रैल को उनकी हिरासत की सूचना मिली। पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशड़ा निवासी शॉ की गर्भवती पत्नी रजनी शॉ और उनके सात साल के बेटे ने केंद्र सरकार और बीएसएफ से उनकी सुरक्षित वापसी की अपील की।

    ऑपरेशन सिंदूर और युद्धविराम के बाद लौटे वतन

    इस घटना के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण थे। पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। इसके बाद 10 मई को दोनों देशों ने युद्धविराम की घोषणा की, जिससे शॉ की रिहाई की उम्मीद जगी। अंततः 14 मई को पाकिस्तान ने पीके शॉ को भारत के सुपुर्द कर दिया।

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