शिमला/उमा सक्सेना/- हिमाचल प्रदेश में बारिश ने एक बार फिर तबाही मचाई है। राजधानी शिमला में बीती रात से हो रही मूसलधार बारिश ने सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। शिमला में 141 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सीजन की सबसे अधिक बारिश में से एक मानी जा रही है। जगह-जगह भूस्खलन से सड़कें बाधित हुई हैं, बिजली और पानी की आपूर्ति भी ठप पड़ी है।

मंडी में भूस्खलन, तीन की मौत, एक लापता
मंडी जिले के सुंदरनगर उपमंडल के ब्रगटा गांव में सोमवार देर रात भूस्खलन की चपेट में एक घर दब गया। हादसे में दो महिलाओं और एक आठ महीने के बच्चे की मौत हो गई, जबकि दो अन्य को सुरक्षित बचा लिया गया। मृतकों की पहचान तांगू देवी, कमला देवी और शिशु भीष्म सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए हैं। इस घटना ने एक बार फिर लोगों को जंगमबाग हादसे की याद दिला दी, जहां कुछ समय पहले सात लोगों की जान गई थी।
धर्मपुर बस स्टैंड में तबाही, वाहन बहे
मंडी जिले के धर्मपुर क्षेत्र में बहने वाली सोन खड्ड का जलस्तर अचानक इतना बढ़ा कि बस स्टैंड पूरी तरह जलमग्न हो गया। कई बसें और निजी वाहन पानी में बह गए। घरों की निचली मंजिलों में पानी घुस गया और लोग दूसरी मंजिलों पर शरण लेने को मजबूर हो गए। एक हॉस्टल में 150 से अधिक बच्चों को भी ऊपरी मंजिलों पर ले जाकर सुरक्षित किया गया। राहत और बचाव दलों ने रातभर अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित निकाला। फिलहाल एक व्यक्ति लापता बताया जा रहा है।
शिमला में भूस्खलन से जाम और खतरा
राजधानी शिमला में मंगलवार सुबह कई जगह भूस्खलन की घटनाएं हुईं। सर्कुलर रोड, हिमलैंड, टुटीकंडी और कृष्णानगर सहित कई इलाकों में सड़कें मलबे से भर गईं। कई गाड़ियां मलबे में दब गईं और शहर का यातायात घंटों प्रभावित रहा। पांजड़ी और बीसीएस क्षेत्र में भी मकानों पर खतरा मंडरा रहा है।

भारी बारिश का अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के कई हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की आशंका जताई है। 22 सितंबर तक भारी बारिश का येलो अलर्ट लागू है। लगातार हो रही बरसात के चलते नए भूस्खलन की आशंका बनी हुई है।
अब तक का नुकसान
इस मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। 20 जून से 15 सितंबर तक कुल 409 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 473 लोग घायल हुए हैं और 41 अब भी लापता हैं। 579 पक्के और 899 कच्चे मकान पूरी तरह ढह गए हैं, जबकि हजारों मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। लाखों की संख्या में पशुधन भी प्रभावित हुआ है।
बिजली और पानी की आपूर्ति ठप
शिमला और आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन और पेड़ गिरने से बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं। शहर के कई इलाकों में सुबह तक बिजली और पानी की सप्लाई बाधित रही। जतोग, टुटू, ढली और मल्याणा सहित कई क्षेत्रों में लोग सुबह से ही परेशान नजर आए।


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