सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मनीष सिसौदिया की भूमिका पर उठे सवाल

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  
December 22, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मनीष सिसौदिया की भूमिका पर उठे सवाल

-15 अगस्त के झंडा फहराने को लेकर असमंजस

नई दिल्ली/अनीशा चौहान/-   दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया को शराब घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। इस समय सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि मनीष सिसौदिया कब तक पार्टी की जिम्मेदारी निभाएंगे और 15 अगस्त को झंडा कौन फहराएगा?

अरविंद केजरीवाल के जेल में होने के कारण, यह संभावना जताई जा रही है कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री के बजाय आतिशी मार्लेना सिंह झंडा फहराएंगी। केजरीवाल की अनुपस्थिति में आतिशी अलिखित रूप से सरकार का नेतृत्व कर रही हैं, जबकि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ा है। मनीष सिसौदिया ने जेल जाने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, और उन्हें झंडा फहराने के लिए पहले दिल्ली सरकार में मंत्री पद की शपथ लेनी होगी।

मुख्यमंत्री के खास सहयोगी मनीष सिसौदिया की भूमिका

मनीष सिसौदिया मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी रहे हैं। जेल जाने से पहले, मनीष सिसौदिया मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नंबर के मंत्री थे और कई महत्वपूर्ण बैठकों में मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में शामिल होते थे। चर्चा थी कि अरविंद केजरीवाल मनीष को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त करके पूरी तरह से राष्ट्रीय राजनीति में उतरेंगे। मनीष के पास दिल्ली सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी भी रही है।

मनीष सिसौदिया के जेल जाने के बाद आतिशी को मंत्री बनाया गया

मनीष सिसौदिया के जेल जाने के बाद, 9 मार्च 2023 को आतिशी मार्लेना सिंह को मंत्री बनाया गया। उस समय अरविंद केजरीवाल जेल में नहीं थे, लेकिन मनीष जेल में थे। काम में आसानी के लिए अरविंद ने आतिशी और सौरभ भारद्वाज को मंत्री नियुक्त किया। आतिशी को शिक्षा, PWD, महिला एवं बाल विकास, ऊर्जा, कला संस्कृति एवं भाषा, और पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी दी गई। वह दिल्ली के कालकाजी क्षेत्र से विधायक हैं। इसके बाद 21 मार्च 2024 को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर तत्काल कोई निर्देश नहीं दिए हैं, लेकिन निर्णय के बाद कोर्ट की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। संविधान के अनुसार, किसी को भी मंत्री नियुक्त करने का विशेषाधिकार केवल मुख्यमंत्री के पास है, और मुख्यमंत्री किसी व्यक्ति को मंत्री बना सकता है, भले ही वह किसी सदन का सदस्य न हो। शर्त यह है कि उन्हें छह महीने के भीतर सदन का सदस्य बनना होगा।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox