नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) पर बढ़ते काम के दबाव को कम करने के लिए अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की जाए। 12 राज्यों में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया के कारण बीएलओ पर काम का बोझ काफी बढ़ गया है।
चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जिन लोगों ने ड्यूटी से छूट के लिए स्पष्ट और सही वजहें दी हैं, उनके अनुरोधों पर राज्य सरकार और सक्षम प्राधिकारी विचार करें और आवश्यकतानुसार उनकी जगह अन्य कर्मियों की तैनाती की जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि यदि आवश्यकता है, तो इस काम के लिए जरूरी कार्यबल मुहैया कराया जाए।
यह आदेश तमिलगा वेत्री कझगम की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें पार्टी ने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग बीएलओ के बोझ के कारण काम न कर पाने की स्थिति में उन्हें आपराधिक कार्रवाई के तहत परेशान कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बीएलओ को राहत देते हुए कहा कि उनके काम के घंटे घटाने के लिए राज्य सरकारें आवश्यक कदम उठाए और प्रक्रिया के दौरान कार्यभार संतुलित किया जाए।


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