
नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- भारत-पाक सीमा पर सीजफायर के बाद अब देश में सियासी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को केंद्र सरकार से कश्मीर मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है और पूछा है कि क्या केंद्र सरकार ने कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है? साथ ही कांग्रेस पार्टी ने चेताया है कि अगर सरकार कश्मीर मुद्दे पर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार करती है तो ये शिमला समझौते का उल्लंघन होगा। कांग्रेस पार्टी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर सवाल उठाए जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि उन्होंने ही भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराई।

’सरकार पूरे मामले पर दे सफाई’
तिरुवनंतपुरम में पार्टी के एक कार्यक्रम में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उनकी पार्टी जानना चाहती है कि क्या देश की विदेश नीति में किसी तरह का बदलाव किया गया है। उन्होंने इस मामले पर जल्द से जल्द संसद सत्र बुलाने की मांग की। केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ’क्या शिमला समझौता, जो कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के अलावा तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज करता है, क्या उसका उल्लंघन हुआ है? ट्रंप रोजाना बयानबाजी कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि उन्होंने मध्यस्थता कराई है। ऐसे में सरकार को इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।’

कश्मीर पर तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर पर मध्यस्थता के प्रस्ताव के संदर्भ में सूत्रों ने कहा कि इसका जमीनी सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने जब पीएम मोदी से बात की थी, तभी पीएम ने स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान की किसी भी हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। यही कारण है कि पाकिस्तान के डीजीएमओ को संघर्ष विराम के लिए अपने भारतीय डीजीएमओ से अनुरोध करना पड़ा। इसके बाद ही सहमति बनी।
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