सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 2 रूपये बढ़ाया उत्पाद शुल्क -सरकार ने किया साफ- जनता पर नहीं पड़ेगा अतिरिक्त बोझ

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

December 2025
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
December 24, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 2 रूपये बढ़ाया उत्पाद शुल्क -सरकार ने किया साफ- जनता पर नहीं पड़ेगा अतिरिक्त बोझ

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2-2 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी। यह फैसला वैश्विक तेल कीमतों में जारी उतार-चढ़ाव और ट्रंप प्रशासन की ओर से जवाबी टैरिफ के एलान के बीच लिया गया है। लेकिन पेट्रोल और डीजल कीमतों पर हायतौबा मचने से पहले ही सरकार ने साफ कर दिया है कि इसका असर जनता पर नही पड़ेगा।

पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें 8 अप्रैल से लागू होंगीं। सरकार की ओर से एक आधिकारिक आदेश जारी कर इसकी जानकारी दी गई।

पेट्रोल-डीजल पर अब कितना उत्पाद शुल्क
सरकार ने सोमवार को पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो-दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। आदेश में कहा गया है कि पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।

असमंजस की स्थिति
सरकार की ओर से जैसे ही यह अधिसूचना जारी की गई, खबर आने लगी कि पेट्रोल-डीजल के दाम में भी बढ़ोतरी कर दी गई। आम आदमी पर भी इस बढ़ोतरी का बोझ पड़ेगा। आदेश में यह नहीं बताया गया कि खुदरा कीमतों पर इसका क्या असर होगा। हालांकि, बाद में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बयान से स्थिति स्पष्ट हुई। उन्होने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है। मैं पहले ही स्पष्ट कर दूं कि इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। उद्योग जगत के सूत्रों की भी मानें तो खुदरा कीमतों में बदलाव की संभावना नहीं है। बढ़े हुए उत्पाद शुल्क को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती के साथ समायोजित किए जाने की संभावना है, जो अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों में गिरावट के कारण जरूरी थी।
           बता दें कि कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत घटकर लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, लेकिन कृपया याद रखें कि हमारी तेल विपणन कंपनियां 45 दिनों की अवधि के लिए स्टॉक रखती हैं। अगर आप जनवरी की बात करें तो उस समय कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर थी, जो बाद में घटकर 75 डॉलर हो गई। इसलिए उनके पास जो कच्चे तेल का स्टॉक है, वह औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल है। आप उम्मीद कर सकते हैं कि तेल विपणन कंपनियां वैश्विक कीमत के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करेंगी।“

About Post Author

आपने शायद इसे नहीं पढ़ा

Subscribe to get news in your inbox