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    संजय मुखर्जी होंगे पश्चिम बंगाल के नए डीजीपी

    -चुनाव आयोग ने एक दिन पहले राजीव कुमार को हटाया, फिर विवेक सहाय को दिया कार्यभार और अब संजय मुखर्जी को बनाया डीजीपी

    कोलकाता/शिव कुमार यादव/- काफी उठापटक के बाद आखिर पश्चिमी बंगाल को उसका नया डीजीपी मिल ही गया। निर्वाचन आयोग ने फायर डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी संभाल रहे संजय मुखर्जी को आखिर पश्चिमी बंगाल का डीजीपी नियुक्त कर सभी चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। अब 1989 बैच के आईपीएस संजय मुखर्जी पूर्ण रूप से पश्चिमी बंगाल के डीजीपी होंगे।चुनाव आयोग ने मंगलवार को आईपीएस संजय मुखर्जी को पश्चिम बंगाल का नया डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) नियुक्त किया है। एक दिन पहले आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार और 6 राज्यों के गृह सचिवों को पद से हटा दिया था। इसके बाद आयोग ने राज्य सरकार से तीन नाम मांगे थे। सरकार ने विवेक सहाय, संजय मुखर्जी और राजेश कुमार का नाम दिया था। राजीव कुमार के हटने के बाद एक दिन के लिए अंतरिम डीजीपी के तौर पर विवेक सहाय ने पद संभाला था।

    संजय मुखर्जी 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और अब तक फायर डिपार्टमेंट की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वहीं, पूर्व डीजीपी राजीव कुमार को इंफॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में सचिव बना दिया गया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। चुनाव आयोग ने मंगलवार को 6 राज्यों के गृह सचिवों को भी हटाने का आदेश दिया था।

    ममता के चहेते अधिकारी को चुनाव से ठीक पहले पद से हटाया
    2016 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले विपक्ष ने डीजीपी राजीव कुमार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाया था। उस वक्त भी चुनाव आयोग ने पद से हटाया था। फरवरी 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले सारदा चिट फंड घोटाले के आरोप में सीबीआई ने कुमार के घर बिना सर्च वारंट रेड डाली थी। जिस पर ममता ने 70 घंटे धरना दिया था। लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले एक बार फिर राजीव कुमार अपने पद से हटाए गए। इस बार शाहजहां शेख की हाई कोर्ट के दबाव के बाद देरी से हुई गिरफ्तारी और सीबीआई को उसे सौंपने में अड़ियल रवैया वजह बना है।

    टीएमसी ने कहा- भाजपा ने केंद्रीय एजेंसियों का कंट्रोल अपने हाथ में लिया
    टीएमसी नेता कुणाल घोष ने डीजीपी को हटाए जाने की कार्रवाई को गलत बताया। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि भाजपा चुनाव आयोग समेत कई संगठनों को हथियाने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आज जो हुआ वह भाजपा का आईना है। लेकिन इससे कोई फर्क पड़ने वाला नही है क्योंकि प्रदेश में जनता का समर्थन हमारे साथ है।

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