
नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- संस्कृत तथा भारतीय ज्ञान परम्परा के प्रचार-प्रसार हेतु समर्पित श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली को राष्ट्रीय मूल्याङ्कन एवं प्रत्यायन परिषद् (NAAC) द्वारा A++ ग्रेड प्रदान किया गया है। बताते चलें कि नैक द्वारा प्रदत्त यह A++ उत्कृष्ट ग्रेड है। विश्वविद्यालय को मूल्यांकन में उत्कृष्ट 3.55 अंक प्राप्त हुए हैं, जो इसे भारत के चुनिंदा प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थानों की पंक्ति में स्थापित करता है। विश्वविद्यालय को 2020 में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की मान्यता प्राप्त होने के बाद नैक द्वारा प्रथम मूल्यांकन किया गया है।
यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, प्रशासनिक और अनुसन्धानगत गुणवत्ता की पुष्टि करती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि यह संस्था भारतीय परम्परा और आधुनिकता के सन्तुलन को आत्मसात करते हुए राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
यह विश्वविद्यालय के तीसरे प्रत्यायन की मान्यता है। पूर्व में विश्वविद्यालय को ‘A’ ग्रेड प्राप्त था, परंतु इस बार A++ ग्रेड प्राप्त कर विश्वविद्यालय ने अकादमिक गुणवत्ता, शोध एवं संस्थागत उत्कृष्टता के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उन्नयन दर्शाया है।
NAAC टीम ने विश्वविद्यालय द्वारा डिजिलॉकर (DigiLocker) के माध्यम से छात्रों के शैक्षणिक अभिलेखों की सुगम और पारदर्शी उपलब्धता को विशेष रूप से सराहा। यह पहल विश्वविद्यालय की डिजिटली सक्षम प्रशासन व्यवस्था और छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण का प्रमाण है।

इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. मुरलीमनोहर पाठक ने सम्पूर्ण विश्वविद्यालय परिवार शिक्षकगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण, एलुमनी, शुभ चिन्तक, छात्र-छात्राओं व शोधार्थी को बधाई देते हुए इसे सामूहिक साधना का फल बताया। उन्होंने कहा NAAC द्वारा दिया गया A++ ग्रेड, हमारी सैद्धांतिक प्रतिबद्धता, नैतिक मूल्यों, अकादमिक गुणवत्ता और भारतीय ज्ञान परम्परा के प्रति हमारे अटूट विश्वास का प्रतिफल है। यह विश्वविद्यालय अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विपुल स्वर में भारतीय दर्शन, संस्कृति और भाषा की गरिमा को सशक्त स्वर दे सकेगा। भारत का आधुनिक संस्कृत विश्वविद्यालय : इस विश्वविद्यालय ने शिक्षा के प्रत्येक आयाम को आधुनिक रूप में अंगीकार किया है, जिससे यह संस्था संस्कृत की परंपरा को डिजिटल युग के साथ समन्वित करती है:-
स्मार्ट क्लासरूम एवं ई-लर्निंग मंच नवीनतम तकनीकों से युक्त शिक्षण कक्ष जो छात्र-केंद्रित और संवादात्मक शिक्षण को बढ़ावा देते हैं।
आधुनिक ग्रंथालय शास्त्रीय और आधुनिक ग्रंथों का विशाल संग्रह, डिजिटल लाइब्रेरी, शोध हेतु डेटाबेस सुविधा।
IKS (Indian Knowledge System) केंद्र- वैदिक, दर्शन, आयुर्वेद, वास्तुशास्त्र, ज्योतिष एवं अन्य परम्परागत विद्याओं पर आधारित प्रमाणित पाठ्यक्रम।
हरित एवं पर्यावरण-संवेदनशील परिसर – प्लास्टिक मुक्त, ऊर्जा-संवर्धक एवं जैविक पहलें।
केंद्रीकृत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधा – छात्रों एवं कर्मचारियों हेतु प्राथमिक चिकित्सा और परामर्श सेवा।
शोध प्रोत्साहन – पीएच.डी. कार्यक्रमों में नवाचार-प्रेरित परियोजनाएँ, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशन।
अंतरराष्ट्रीय समन्वय – विश्वविद्यालय विश्व के कई संस्कृत विभागों, विद्वानों और विश्वविद्यालयों के साथ MoU के माध्यम से संयुक्त शोध, संगोष्ठियों व सेमिनारों का आयोजन करता है।
यह विश्वविद्यालय भारत सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के मूल मंत्र “ज्ञानं परमं ध्येयम्” को आत्मसात करते हुए, भारतीय भाषाओं और परम्पराओं के उन्नयन के साथ-साथ विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करने के लिए निरन्तर कार्यरत है। यह संस्था संस्कृत को केवल पूजा-पाठ की भाषा नहीं, अपितु आधुनिक विज्ञान, तकनीकी, चिकित्सा और नीतिशास्त्र की वैज्ञानिक भाषा के रूप में पुनर्स्थापित करने का कार्य कर रही है।
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