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    June 4, 2025

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    शेयर बाजार में लगातार गिरावट डरे निवेशक, सामने आए 3 बड़े कारण

    मानसी शर्मा /-  शेयर बाजार में आए-दिन हो रही गिरावट से निवेशक डरे हुए हैं। पहले मिड और स्‍मॉल कैप के शेयरों में गिरावट देखी जा रही थी। लेकिन अब लार्ज कैप के शेयरों में भी गिरावट आने लगी है। इस वजह से बाजार की स्थिति और भी खराब हो रही है। पिछले महीने से हो रही बाजार में गिरावट से नए से पुराने निवेशक सभी डरे हुए हैं।

    निवेशकों को ये डर सता रहा है कि कहीं ये गिरावट और न बढ़ जाए। कई निवेशकों के पोर्टफोलियो में पिछले 6 महीने और सालभर के रिटर्न समाप्त हो चुके हैं या बहुत कम हो गए हैं। ऐसे समय में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इस गिरावट का अंत कब होगा? आखिरकार, हर दिन बाजार में क्यों गिरावट आ रही है?

    शेयरबाजारका हाल हुआ बुरा

    अब अगर आज के शेयरबाजारकी बात करें तो निफ्टी दोपहर 11.25 बजे 170 अंक टूटकर 23714 पर कारोबार कर रहा था। तो वहीं, सेंसेक्‍स 452 अंक गिरकर 78,229 पर रहा। इसी के साथ निफ्टी बैंक और अन्‍य इंडेक्‍स में भी गिरावट आई है। बता दें, बीते एक महीने में निफ्टी इंडेक्‍स में 1400 अंक या 5.60% की गिरावट आई है। एक सप्‍ताह में 630 अंक या 2.60 प्रतिशत की कमी आई है। जबकि सेंसेक्‍स 3770 अंक या 4.60%  गिरा है। वहीं, एक हफते में 1500 अंक या 2 फीसदी की गिरावट दर्ज की हैं। तो आइए समझते है शेयरबाजारमें लगातार आई गिरावट के क्या कारण हैं।

    बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे खराब

    शेयर बाजार में गिरावट की बड़ी वजह बड़ी-बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे खराब आए हैं। रिलायंस से लेकर एशियन पेंट्स और इंडसइंड बैंक के नतीजों ने सबसे ज्‍यादा डराया है।

    10 वर्षीय बॉन्ड की पैदावार में उछाल

    दूसरा बड़ा कारण अमेरिकी 10 वर्षीय बॉन्ड की पैदावार में उछाल आया और डॉलर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। जो आज CPI महंगाई को बढ़ावा दे सकता है।

    निवेशक डॉलर की मजबूती को लेकर भी चिंतित हैं। क्‍योंकि एक्‍सपर्ट्स उम्‍मीद जता रहे हैं कि ट्रंप के राष्‍ट्रपति बनने के बाद मजबूत अमेरिकी आर्थिक विकास और आक्रामक व्‍यापार नीतियों के कारण महंगाई बढ़ेगी।

    सामने आए अक्‍टूबर खुदरा महंगाई के आंकड़े

    अक्‍टूबर खुदरा महंगाई के आंकड़े कल आए थे, जिसमें बढ़ोतरी हुई है। अक्‍टूबर में खुदरा महंगाई 6.21 फीसदी पर पहुंच गई है। यह RBI के दायरे 6 फीसदी से ज्‍यादा है। 14 महीने बाद इतनी महंगाई बढ़ी है।

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