
नई दिल्ली/- राजधानी दिल्ली के पालम गांव में दिल्ली सरकार की आबकारी नीति के खिलाफ स्थानीय लोगों ने जोरदार धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार की नीति को आम जनता के खिलाफ बताया और आरोप लगाया कि यह नीति शराब की बिक्री को बढ़ावा देती है, जिससे समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

प्रदर्शन के दौरान समाजसेवी रणवीर सोलंकी ने कहा, “यह विरोध किसी एक समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि दिल्ली सरकार की उस नीति के खिलाफ है जिसने पारदर्शिता को खत्म कर दिया है और जनता को नुकसान पहुंचाया है। हमारी मांग है कि सरकार इस नीति पर दोबारा विचार करे और स्थानीय लोगों की राय लेकर नीति में बदलाव करे।”
सोलंकी ने यह भी कहा कि इस नीति का सबसे बुरा असर युवाओं पर पड़ रहा है। “युवाओं का भविष्य खतरे में है। उन्हें गलत दिशा में धकेला जा रहा है, और यह सब सरकार की लापरवाह नीतियों का नतीजा है। अब समय आ गया है कि हम मिलकर आवाज़ उठाएं और सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाएं,” उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा।

धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, समाजसेवी संगठन और महिला समूह शामिल हुए। सभी ने मिलकर सरकार से अपील की कि वह जनता की बात सुने, संवाद करे और जनहित को प्राथमिकता दे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ शराब की दुकानों के खिलाफ नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित और स्वस्थ समाज देने की है।
धरने में शामिल लोगों ने जन समर्थन की भी अपील की और कहा कि जब तक सरकार इस नीति को बदलती नहीं, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
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