मिलावटी दूध या घी बेचने पर सख्त सजा, जानें कानून की धारा और जुर्माना

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
February 16, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

मिलावटी दूध या घी बेचने पर सख्त सजा, जानें कानून की धारा और जुर्माना


नई दिल्ली/अनीशा चौहान/-  आजकल मिलावटी खाद्य पदार्थों का व्यापार एक गंभीर समस्या बन चुका है, खासकर दूध और घी जैसे बुनियादी खाद्य पदार्थों में मिलावट। मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि यह कानून के खिलाफ भी है। अगर कोई व्यक्ति मिलावटी दूध या घी बेचते पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

कानूनी प्रावधान:

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एक्ट, 2006 के तहत, मिलावटी खाद्य पदार्थों का उत्पादन, बिक्री या वितरण करना एक गंभीर अपराध माना जाता है। इस एक्ट के तहत यदि कोई व्यक्ति मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचते हुए पाया जाता है, तो उसे जुर्माना, सजा, या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

जुर्माना और सजा:

  • जुर्माना: मिलावटी खाद्य पदार्थों को बनाने और बेचने पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
  • सजा: इसके अलावा, अपराध की गंभीरता को देखते हुए, दोषी को 6 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा भी हो सकती है।
  • मौत होने पर सजा: अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से हो जाती है, तो मिलावटखोर को आजीवन कारावास या 10 साल तक की सजा हो सकती है।

मिलावट का प्रभाव:

मिलावटी दूध और घी में खतरनाक रसायनों और हानिकारक तत्वों का इस्तेमाल किया जाता है, जो इंसान के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। मिलावट से ना सिर्फ पेट की बीमारियां होती हैं, बल्कि यह लंबे समय में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण भी बन सकती है। इसके अलावा, यह बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर स्वास्थ्य वाले व्यक्तियों के लिए अत्यधिक खतरनाक हो सकता है।

कानून के तहत कार्रवाई:

अगर किसी व्यक्ति द्वारा मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री की सूचना मिलती है, तो खाद्य सुरक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन मिलावटखोर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हैं। इसके तहत, मिलावट की जांच के लिए खाद्य नमूने लिए जाते हैं, और दोषी पाए जाने पर उसे दंडित किया जाता है।

निष्कर्ष:

मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री एक गंभीर अपराध है, जो केवल कानून को ही नहीं, बल्कि समाज और स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे मामलों में सख्त सजा का प्रावधान है, जिससे यह साबित होता है कि मिलावटखोरी को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उपभोक्ताओं को भी इस बारे में जागरूक रहना चाहिए और किसी भी मिलावटी उत्पाद का सेवन करने से बचना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य संबंधी खतरों से बचा जा सके।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox