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    मालदीव में विपक्ष चला रहा इंडियन आर्मी के खिलाफ कैंपेन

    -मालदीव के विपक्षी नेता अबदुल्ला यामीन चला रहे इंडिया आउट प्रदर्शन

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देश-विदेश/शिव कुमार यादव/- भारत और मालदीव के बीच हमेशा बेहतर संबंध रहे हैं। लेकिन कुछ सालों में मालदीव में ऐसी धटनाये घटी है जिनसे भारत-मालदीव संबंधों पर गहरा असर पड़ा है। हालिया सालों में मालदीव में चीन की बढ़ती गतिविधि के कारण मजबूत संबंध कमजोर पड़ते दिख रहे है। मौजूदा वक्त में दोनों सरकार के बीच बढ़िया रिश्ते हैं लेकिन मालदीव में एक बार फिर से भारत विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। इस ’इंडिया आउट’ प्रदर्शन को मालदीव के विपक्षी नेता अब्दुला यामीन चला रहे हैं जो भारतीय आर्मी को मालदीव से बाहर करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।
                       दिसंबर के शुरुआत से यामीन की प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव इंडिया आउट कैंपेन चला रही है। पार्टी का कहना है कि इस कैंपेन का मकसद भारतीय सैनिकों को मालदीव से हटाने का है। यामीन ने खुद भी कहा है कि वह भले ही सत्तारूढ़ प्रशासन किसी भी भारतीय सैन्य उपस्थिति से इनकार करता है लेकिन हम अभियान को आगे बढ़ाएंगे। विपक्षी पार्टी के इस कदम से मालदीव की सरकार परेशान है। सरकार ने कहा है कि भारत के प्रति निराधार जानकारी को लेकर लोगों के बीच नफरत फैलाई जा रही है। उन्हें गुमराह किया जा रहा है। सरकार ने कहा है कि भारत मालदीव का सबसे करीबी द्विपक्षी भागीदारों में से है।
                  सरकार ने कहा है कि ऐसे में भारत को लेकर घृणा फैलाने और झूठे आरोप लगाने से भरोसेमंद सहयोगी देशों से संबंध खराब होते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, इससे मालदीव के नागरिक, खास कर विदेशों में रहने वाले की सुरक्षा प्रभावित होती है। हाल के हफ्तों में मालदीव सरकार ने दूसरी बार इस तरह का बयान दिया है।
               2013-18 के दौरान यामीन मालदीव के राष्ट्रपति थे। उस दौरान मालदीव और भारत के बीच संबंध बहुत खराब हो गए थे। रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण लामू और अड्डू एटोल से भारत को दो हेलीकॉप्टरों वापस लेने पड़े थे। इसी दौरान यामीन भारत का विरोध करते हुए चीन को मालदीव में जगह देते रहे।
               2018 चुनावों में इब्राहिम मोहम्मद सोलिह मालदीव के नए राष्ट्रपति बने। उन्होंने ’इंडिया फर्स्ट’ की विदेश नीति रखी और संबंधों को जोरदार तरीके से रिसेट किया। 2021 के एक इंटरव्यू में उन्होंने दी हिंदू से बात करते हुए माना था कि उनकी सरकार भारत केंद्रित विदेश नीति रखती है। मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भी मानते हैं कि भारत मालदीव के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण देश है।
                        प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव के उपाध्यक्ष और सांसद मोहम्मद सईद ने कहा है कि हम भारत या भारत के लोगों के खिलाफ नहीं है। हम बॉलीवुड और भारतीय व्यंजन बहुत पसंद करते हैं। दिक्कत ये सब नहीं है। दिक्कत ये है किएटोल में भारतीय सेना की मौजूदगी की रिपोर्ट्स हैं और सरकार इसे स्पष्ट नहीं कर रही है। हम किसी भी विदेशी देश की सैन्य उपस्थिति का विरोध करते हैं, चाहे वह भारत हो, चीन हो या कोई और।

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