मानसी शर्मा /- फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने समेत अन्य मांगों को लेकर हरियाणा, पंजाब समेत अलग अलग राज्यों से किसान दिल्ली कूच के लिए रवाना हो गए हैं। प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने सभी सीमाओं को सील कर दिया है। इसके अलावा कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटीली तारों का इस्तेमाल कर किसानों को प्रवेश से रोकने की कोशिश की जा रही है।
इन सबके बीच खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किसान प्रदर्शनकारी बॉर्डर के आसपास के रिमोट एरिया और जिन रास्तो से वाहन नहीं जा सकते वहां से छोटे छोटे समूहों में पैदल चल कर दिल्ली में घुसने की कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं किसान अपने साथ 6 महीने का राशन भी लेकर चल रहे हैं, ताकि लंबे वक्त तक सरकार के सामने अपनी मांगों को लेकर डटे रहें।
खुफिया जानकारी के मुताबिक किसानों ने 1500 ट्रैक्टर और 500 से ज्यादा वाहनों के साथ पंजाब से दिल्ली कूच किया हैद्ध किसान दिल्ली में शम्भू बॉर्डर (अंबाला), खनोरी (जींद) और डबवाली (सिरसा) की तरफ से दिल्ली तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों के पास करीब 6 महीने का राशन मौजूद है।
पीएम हाउस, गृह मंत्री आवास का घेराव करने की योजना
जानकारी के मुताबिक इस मार्च से पहले केएमएससी की कोर कमेटी और बड़े किसान नेताओं ने हाल में ही केरला, यूपी, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तराखंड और तमिलनाडु का दौरा भी किया था और किसान प्रदर्शनकारियों को मार्च में शामिल होने की अपील की थी। किसानों ने ट्रैक्टर और ट्रॉली को होम स्टे और शेल्टर होम की तर्ज पर तैयार किया है ताकि अगर सरकार के साथ टकराव की स्थिति बने तो लंबे समय तक डट सकें। रणनीति के तहत किसान छोटे-छोटे ग्रुप में भी दिल्ली पहुंचने की कोशिश करेंगे और धर्मशाला, गेस्ट हाउस, धार्मिक स्थलों की सराय में रुकने की कोशिश करेंगे। किसानों के टारगेट पर पीएम हाउस, गृह मंत्री आवास है, जिनका घेराव करने की कोशिश की जाएगी।
बैठक रही बेनतीजा, धारा 144 कर दी गई है लागू
किसानों और केंद्र सरकार के बीच सोमवार को चंडीगढ़ में आधी रात तक चली बैठक बेनतीजा रहने के बाद पंजाब-हरियाणा के किसानों ने मंगलवार को दिल्ली कूच करना शुरू कर दिया है। किसान आंदोलन पर अड़े किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के ऐलान को देखते हुए दिल्ली और हरियाणा में धारा-144 लागू कर दी गई है। दिल्ली की तीन प्रमुख सीमाओं सिंघु, टीकरी, गाजीपुर में लोहे और कंक्रीट के बैरिकेड लगाए गए हैं। कंटीले तार, कंटेनर और डंपर लगाकर भी रास्ते बंद कर दिए गए हैं। इतना ही नहीं सुरक्षा कारणों से दिल्ली में दो मेट्रो स्टेशनों के गेट भी बंद कर दिए गए हैं। साथ ही दिल्ली-नोएडा के बॉर्डर एरिया के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। हरियाणा सरकार ने पुलिस अर्द्धसैनिक बलों की 114 कंपनिया तैनात की हैं। 15 जिलों में धारा 144 लागू है, साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा और बल्क एसएमएस पर प्रतिबंध है।
केंद्रीय नेताओं संग हुई बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने हमें किसी मांग पर ठोस आश्वासन नहीं दिया। जिन मांगों को लेकर आंदोलन का ऐलान किया गया है उनमें से कई पर सरकार ने पिछली बार भी सहमति जताई थी कि मगर फैसला नहीं लिया। उन्होंने कहा कि सोमवार रात को हुई बैठक से भी हमें कुछ हासिल नहीं हुआ। सरकार ने हमें कुछ प्रस्ताव दिए हैं, जिन पर हम विचार करेंगे। हालांकि हमारा दिल्ली कूच जारी रहेगा। बैठक में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा मौजूद थे।
ये है किसानों की मांग
सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) के लिए कानून बनाए, कृषि ऋण माफ करे, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले, भारत को डब्ल्यूटीओ से बाहर निकाला जाए, किसानों और 58 साल से अधिक आयु के कृषि मजदूरों के लिए पेंशन योजना लागू करके 10 हजार रुपए प्रति माह पेंशन दी जाए, दो साल पहले किसान आंदोलन के समय जिन अन्नदाताओं पर मामले दर्ज किए गए थे उन्हें वापस लिया जाए, विधुत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
इस बार इनका नेतृत्व
इस आंदोलन का नेतृत्व किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मौर्चा (गैर राजनीतिक) के बैनर तले 250 किसान संघों के जरिए किया जा रहा है। भारतीय किसान यूनियन(बीकेयू) भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल है। हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा(एसकेएम) ने इस बार विरोध प्रदर्शन से दूरी बना ली है लेकिन एसकेएम और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने 16 फरवरी को देश व्यापी हड़ताल का आह्वान किया है।
हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों के आंदोलन के दौरान अराजकता फैलने पर हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर बढ़ते तनाव और बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश के बाद कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है। इससे पहले पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें भी की। हरियाणा पुलिस ने अपने बयान में कहा कि शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा हरियाणा पुलिस पर पथराव किया गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। उपद्रव फैलाने की अनुमति किसी को नहीं है, ऐसा करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
कुंडली और सिंघु बॉर्डर पर वाहनों की आवाजाही बंद
सोनीपत के कुंडली और सिंघु बॉर्डर पर वाहनों की आवाजाही पूर्ण रूप से बंद कर दी गई है। केएमपी केजीपी जीरो प्वाइंट से वाहनों को निकाला जा रहा है।
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