भारत में 65 साल में 7.82 प्रतिशत घट गई हिंदूओं की आबादी

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October 17, 2024

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भारत में 65 साल में 7.82 प्रतिशत घट गई हिंदूओं की आबादी

-अल्पसंख्यकों में जैन व पारसी समुदाय की आबादी में भी आई भारी कमी -देश में सिर्फ मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध समुदायों की बढ़ी आबादी

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी ताजा रिपोर्ट में देश की धार्मिक आबादी की जानकारी को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे भारत में हिंदू आबादी कम हो रही है और 65 वर्षों में देश में हिन्दू आबादी 7.82 प्रतिशत घटी है जबकि अल्पसंख्यक कितने प्रतिशत बढ़े है और इनमें कौन-कौन से समुदाया है। यह रिपोर्ट ये भी दर्शाती है कि भारत मुसलमानों को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा है वह ठीक नही है क्योंकि मुसिलम आबादी लगातार बढ़ रही है और देश में सामाजिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल वातावरण मिल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि पारसी धर्म के लोगों की संख्या में 85 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है। 1950 में इनकी संख्या देश की कुल आबादी का 0.03 फीसदी हिस्सा थी, जो 2015 में घटकर 0.004 फीसदी रह गई।

भारत में पारसी और जैन समुदाय की आबादी में भारी गिरावट आई है। साल 1950 से 2015 के बीच देश की जनसांख्यिकी में हुए बदलाव पर एक रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार पारसी समुदाय की आबादी में 85 फीसदी तक की कमी देखी गई है। पारसी और जैन समुदाय के अलावा बाकी सभी अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ी है और इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मुसलमानों की संख्या में देखी गई है। वहीं, हिंदुओं की आबादी में 7.82 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

जैन समुदाय की आबादी में भी आई गिरावट?
जैन समुदाय की आबादी में भी भारी गिरावट देखी गई है. देश की कुल आबादी में इनकी हिस्सा घटकर 0.36 फीसदी रह गया है, जबकि साल 1950 में यह आंकड़ा 0.45 फीसदी था, जो 2015 में 0.36 फीसदी हो गया।

कितनी बढ़ गई मुस्लिमों की आबादी?
रिपोर्ट में बताया गया कि साल 1950 से 2015 के बीच 65 सालों में मुस्लिम आबादी 43.15 फीसदी बढ़ी है। 1950 में भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या देश की कुल आबादी का 9.84 फीसदी हिस्सा थी, जो 2015 में 14.09 फीसदी हो गई। हिंदुओं की बात करें तो 65 सालों में उनका शेयर घटकर 78.06 फीसदी रह गया। 1950 में भारत में 84.68 फीसदी हिंदू रहते थे और 2015 तक इनके पॉपुलेशन शेयर में 7.82 फीसदी की कमी आई है।

ईसाई, सिख और बौद्ध की आबादी कितनी बढ़ी?
रिपोर्ट के हिसाब से देश के अन्य अल्पसंख्यक समुदायों- सिख, बौद्ध और ईसाइयों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। देश की सिख और ईसाई धर्म की आबादी में 6 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। ईसाई समुदाय के पॉपुलेशन शेयर में 1950 से 2015 के बीच 5.38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 1950 में उनकी आबादी 2.24 थी, जो 2015 में बढ़कर 2.36 फीसदी हो गई।सिखों की जनसंख्या में 6.58 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। 1950 में देश में 1.24 फीसदी सिख रहते थे, जो 2015 में बढ़कर 1.85 फीसदी हो गए। बौद्ध समुदाय का पॉपुलेशन शेयर 0.05 फीसदी से बढ़कर 0.81 फीसदी हो गया है।

देश की धार्मिक आबादी पर रिपोर्ट किसने तैयार की है?
पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की रिपोर्ट में देश की धार्मिक आबादी की जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट को ईएसी-पीएम की सदस्य शमिका रवि, ईएसी-पीएम के कंसल्टेंट अपूर्व कुमार मिश्रा और ईएसी-पीएम के प्रोफेशनल अब्राहम जोस ने तैयार किया है। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि देश में समाजिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए अनुकूल वातावरण मिल रहा है।

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