नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/ – 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के युवराज एक बार फिर भारत यात्रा पर निकल रहे है। इस बार राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा नही, भारत न्याय यात्रा शुरू कर रहे हैं। यह यात्रा 14 जनवरी से मणिपुर से शुरू होकर 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी। इस दौरान यात्रा 14 राज्य और 85 जिलों को कवर करेगी। इस दौरान राहुल गांधी बस से और पैदल 6 हजार 200 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करेंगे। हालांकि भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में सिर्फ तेलंगाना को ही अपने साथ जोड़ पाये थे अब भारत न्याय यात्रा से 2024 में कांग्रेस की क्या स्थिति रहेगी इस पर सबकी नजर है।
इस संबंध में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश ने बुधवार को पार्टी हेडक्वार्टर में मीडिया को बताया कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस पार्टी भारत न्याय यात्रा करेगी। यह मणिपुर से शुरू होकर नगालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से होते हुए महाराष्ट्र में समाप्त होगी।
मल्लिकार्जुन खड़गे न्याय यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। भारत न्याय यात्रा का मकसद आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय है। इस यात्रा में राहुल युवाओं, महिलाओं और हाशिए पर पड़े लोगों से मुलाकात करेंगे। बस यात्रा से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जाएगा। यात्रा में कुछ छोटे हिस्से को रुक-रुक कर पैदल भी कवर किया जाएगा। इसके अलावा 28 दिसंबर को कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी नागपुर में महारैली करेगी। इसका नाम है- हैं तैयार हम। इस महारैली से 2024 लोकसभा चुनाव का शंखनाद होगा।
145 दिनों की भारत जोड़ो यात्रा कर चुके हैं राहुल
इससे पहले राहुल गांधी ने 7 सितंबर 2022 से 30 जनवरी 2023 तक भारत जोड़ो यात्रा की थी। 145 दिनों की यात्रा तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू होकर जम्मू-कश्मीर में खत्म हुई थी। तब राहुल ने 3570 किलोमीटर की यात्रा में 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया था।
श्रीनगर में यात्रा के समापन के मौके पर शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में राहुल ने कहा था- मैंने यह यात्रा अपने लिए या कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि देश की जनता के लिए की है। हमारा उद्देश्य उस विचारधारा के खिलाफ खड़ा होना है जो इस देश की नींव को नष्ट करना चाहती है। यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने 12 सभाओं को संबोधित किया था, 100 से ज्यादा बैठकें और 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस की थीं। उन्होंने चलते हुए 275 से ज्यादा चर्चाओं में हिस्सा लिया, जबकि कहीं रुककर 100 के करीब चर्चाएं कीं।
नेता, लेखक, सैन्य दिग्गज भी यात्रा में शामिल हुए भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मशहूर हस्तियों, लेखकों, सैन्य दिग्गजों की भागीदारी भी रही। इनमें पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) दीपक कपूर, पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल (रिटायर्ड) एल रामदास और पूर्व त्ठप् गवर्नर रघुराम राजन, पूर्व वित्त सचिव अरविंद मायाराम भी शामिल हुए थे।
यात्रा में विपक्ष के नेता भी शामिल हुए थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, च्क्च् चीफ महबूबा मुफ्ती, शिवसेना बाल ठाकरे के आदित्य ठाकरे, प्रियंका चतुर्वेदी, संजय राउत और छब्च् की सुप्रिया सुले जैसे विपक्षी नेता भी मार्च के दौरान कहीं-कहीं राहुल के साथ चले थे।
मंदिर-मस्जिद, चर्च-गुरुद्वारा भी गए
यात्रा के बीच राहुल अलग-अलग राज्यों में कई धर्मस्थलों पर भी गए। राहुल जहां गए, उनकी वेशभूषा वहां के मुताबिक नजर आई। राहुल मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारे गए। पूजा-अर्चना की और धर्मगुरुओं से भी मिले।
सियासी मकसद से ज्यादा राहुल के लुक और टी-शर्ट की चर्चा
राहुल के इस सफर में सियासत से ज्यादा उनका लुक चर्चा में रहा है। कन्याकुमारी में 7 सिंतबर को यात्रा की शुरुआत के समय राहुल के चेहरे पर हल्की दाढ़ी थी, लेकिन करीब पांच महीने बाद उनकी शक्ल पूरी तरह बदल चुकी थी। चेहरे पर घनी दाढ़ी थी, तो सिर के बाल भी बढ़े हुए थे। इधर, राहुल की सफेद टी-शर्ट भी चर्चा में रही, जिसे पहनकर वे कड़ाके की सर्दी में भी चलते नजर आए।
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