नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- भारत के साथ पिछले 16 साल से महत्वपूर्ण व्यापार समझौते पर अटकी यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ की डील पर आखिर 10 मार्च हस्ताक्षर हो गये। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 4 ईएफटीए देशों ने अगले 15 साल में भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश करने का वादा किया है। इस डील से 10 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
ईएफटीए के सदस्य देशों में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। ईएफटीए देशों द्वारा किए गए निवेश में हरित और पवन उर्जा, फार्मा, स्वास्थ्य मशीनरी और खाद्य क्षेत्र शामिल हैं। इन क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों और नौकरियों के लिए बड़े अवसर होंगे। पीयूष गोयल ने बताया कि ईएफटीए देश इन सेक्टरों में सबसे ज्यादा निवेश करेंगे।
100 अरब डॉलर की डील
यह सौदा 15 साल की अवधि में 100 अरब डॉलर के निवेश के लिए किया गया है। भारत ने समझौते के बाद 10 वर्षों में 50 अरब डॉलर के निवेश की मांग की थी, और अगले पांच वर्षों में ब्लॉक के सदस्यों से अतिरिक्त 50 अरब डॉलर की मांग की थी। इस समझौते से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा।
भारत इन देशों के लिए विभिन्न वस्तुओं पर आयात शुल्क भी कम करेगा। हालाँकि, इस समझौते में कृषि, सोया, डेयरी और कोयला शामिल नहीं हैं। इसलिए भारतीय बाजार पीएलआई से संबंधित क्षेत्रों के लिए खुला नहीं है। समझौता पूरा होने के बाद अब इन देशों की संसद की मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी के बाद भारत के साथ मुक्त व्यापार होगा।
क्या होगा सस्ता?
मुक्त व्यापार के बाद इन देशों से भारत आने वाली वस्तुओं की कीमतें कम हो जाएंगी, क्योंकि ये देश इस समझौते के तहत अपने आयात शुल्क कम कर देंगे। भारत से होकर गुजरने वाली वस्तुओं पर आयात शुल्क में भी कमी आएगी। इसमें स्विस चॉकलेट, घडिय़ां और बिस्कुट हैं जो भारतीय बाजार में खूब बिकते हैं। इस डील से इनकी कीमतें कम हो जाएंगी।
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