ब्लैक फंगस बढ़ा रहा कोरोना मरीजों की मुसीबते

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ब्लैक फंगस बढ़ा रहा कोरोना मरीजों की मुसीबते

-आईसीएमआर ने ब्लैक फंगस संक्रमण से ऐसे बचाव करने की दी सलाह - नजर अंदाज किया तो हो सकता है जानलेवा
NM News black fungus

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/हेल्थ डेस्क/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कोरोना वायरस पहले से ही बड़ी संख्या में लोगों की जान ले रहा है और अब कोरोना के मरीजों में ब्लैक फंगस संक्रमण ने भी कोरोना मरीजों की मुसीबते बढ़ा दी है। वैज्ञानिक भाषा में इस संक्रमण को म्यूकरमायकोसिस कहते हैं। ये संक्रमण इतना खतरनाक है कि नाक, आंख और कभी-कभी दिमाग में भी फैल जाता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें मरीज की जान बचाने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए आंखें तक निकालनी पड़ रही हैं। डॉक्टरों का कहना है कि ये संक्रमण कोरोना वायरस से ठीक हो रहे या ठीक हो चुके मरीजों को अपनी चपेट में ले रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने इस संक्रमण की टेस्टिंग और इलाज के लिए एक एडवाइजरी जारी की है और साथ ही यह भी कहा है कि अगर इसे नजरअंदाज किया तो ये जानलेवा भी हो सकता है।
                    ये एक बेहद ही दुर्लभ संक्रमण है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह संक्रमण फफूंद के कारण होता है जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, खाद, सड़े हुए फल और सब्जियों में पनपता है। इसकी सबसे खतरनाक बात ये होती है कि इसमें मृत्यु दर 50 फीसदी तक होती है। आईसीएमआर की एडवाइजरी में कहा गया है कि ब्लैक फंगस वैसे लोगों पर हमला करता है जो किसी स्वास्थ्य समस्या के कारण दवाएं ले रहे हैं और इस वजह से उनके शरीर की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है। डॉक्टरों का ऐसा मानना है कि कोरोना के गंभीर मरीजों को बचाने के लिए जिस स्टेरॉयड का इस्तेमाल हो रहा है, ये संक्रमण उसी से शुरू हो रहा है।
                   आईसीएमआर की एडवाइजरी के मुताबिक, व्यक्ति को ब्लैक फंगस का संक्रमण होने पर आंखों और नाक में दर्द हो सकता है और उसके आसपास की त्वचा लाल हो जाती है। इसके अलावा संक्रमण की वजह से बुखार, सिर दर्द, खांसी और सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है। इसका सबसे खतरनाक लक्षण ये है कि संक्रमित व्यक्ति को खून की उल्टियां भी हो सकती हैं।
                   आईसीएमआर की एडवाइजरी के मुताबिक, जिनलोगों का डायबिटीज अनियंत्रित हो, स्टेरॉयड लेने की वजह से जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) कम हो गई है, जो अधिक समय तक आईसीयू में रहे हैं, जिनका कोई अंग ट्रांसप्लांट हुआ है या फिर जो कोमोरबिडिटीज की श्रेणी में आते हैं, वैसे लोग ब्लैक फंगस संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।
ब्लैक फंगस संक्रमण से बचने के लिए क्या करें?
आईसीएमआर की एडवाइजरी के मुताबिक, ब्लैक फंगस संक्रमण से बचने के लिए बिना मास्क पहने धूल भरी जगह पर भूलकर भी न जाएं। इसके अलावा शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े और जूते पहनें, मिट्टी या खाद का काम करने से पहले हाथों में ग्लव्स लगाएं और अच्छी तरह से शरीर को घिसकर नहाएं।
ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज क्या करें?
आईसीएमआर के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति ब्लैक फंगस संक्रमण का शिकार है तो उन्हें सबसे पहले अपने ब्लड शुगर लेवल यानी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने की कोशिश करनी चाहिए। अगर वह व्यक्ति कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुका है, तब भी लगातार ब्लड शुगर लेवल की जांच करते रहनी चाहिए। इसके अलावा सबसे जरूरी बात कि एंटीबायोटिक्स, एंटीफंगल दवा और स्टेरॉयड का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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