मानसी शर्मा /- बिहार में एक बार फिर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक बिहार के राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे। ये मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली। हालांकि नीतीश की मुलाकात का कारण क्या था अभी तक ये स्पष्ट नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि विधानमंडल बजट सत्र को लेकर चर्चा हुई है। कहा जा रहा है ये बजट सत्र काफी खास हो सकता है।
इस मुलाकात की इस चर्चा इस वजह से भी तेज हो गई है क्योंकि पिछले कुछ समय से नीतीश के एनडीए में वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं। इन कयासों का बाजार तब गर्म हो गया जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक बयान दिया। अमित शाह ने एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में जेडीयू और नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी की संभावना पर टिप्पणी की। जब उनसे पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार के लिए एनडीए के दरवाजे अब भी खुले हैं? इसके जवाब में गृहमंत्री शाह ने कहा- प्रस्ताव आएगा तो विचार करेंगे।
जेडीयू और राजद के रिश्तों में कड़वाहट
अमित शाह के बयान के बाद बिहार के सियासी बाजार में जेडीयू और राजद के रिश्तों में कड़वाहट की चर्चाएं होने लगी थीं। उस दौरान बिहार भाजपा नेता संजय सरावगी ने कहा था,’फिलहाल नीतीश INDI गठबंधन में कांग्रेस, लालू और तेजस्वी के साथ हैं। INDI गठबंधन का कोइ भविष्य नहीं है। अगर नीतीश कुमार बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर पार्टी में आते हैं, तब उनके स्वागत के लिए हम तैयार हैं। INDI गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर आपस में मार काट मची हुई है।’
कांग्रेस नेता ने कही थी ये बात
वहीं इससे पहले जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर का बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के उस दावे को नकार दिया था, जिसमें कांग्रेस ने नीतीश कुमार के राहुल गांधी की जनसभा में शामिल होने की बात कही थी। खालिद ने कहा था कि अब तक नीतीश कुमार को कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक निमंत्रण नहीं मिला है। पता नहीं कांग्रेस ने नीतीश के शामिल होने का दावा कैसे कर दिया।
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