नई दिल्ली/रणबीर सिंह/- एलायंस ऑफ ऑल एक्स पैरा मिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष पूर्व एडीजी श्री एचआर सिंह के नेतृत्व में डीजी बीएसएफ से मुलाकात कर 9 महत्वपूर्ण मुद्दों पर सिलसिलेवार चर्चा कर ज्ञापन सौंपा गया। महासचिव रणबीर सिंह द्वारा प्रैस विज्ञप्ति के हवाले से कहा गया कि माननीय डीजी महोदय से जो कि वार्ब चेयरमैन भी है अच्छे माहौल में सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा कर 9 मुद्दे संज्ञान में लाए गए।
चर्चा शुरू करने से पहले प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हमें यह कहते हुए अपार ख़ुशी महसूस हो रही है कि देश की पहली रक्षा पंक्ति फोर्स बीएसएफ की कमान आपके मजबूत कंधों पर है और साथ ही पूर्व अर्धसैनिक बलों की भलाई हेतु गठित कल्याण एवं पुनर्वास बोर्ड (WARB) गृह मंत्रालय के चेयरमैन पद को भी आप सुशोभित कर रहे हैं। एलॉयंस आफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेज वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा केन्द्रीय सैन्य पुलिस बलों की भलाई संबंधी मुद्दों के लिए पिछले 8 सालों से जंतर मंतर, राजघाट, संसद मार्ग व देश के अन्य हिस्सों में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन के माध्यम से केंद्रीय एवं राज्य सरकारों का ध्यान आकर्षित करने की भरपूर कोशिश की गई हैं। एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल द्वारा माननीय केंद्रीय गृह मंत्री, केंद्रीय वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री, गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, माननीय फोर्सेज डीजी, महामहिम राज्यपालों कर्नाटक, मेघालय, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, लेफ्टीनेंट गवर्नर लद्दाख व पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, मणिपुर, गुजरात, हरियाणा व दिल्ली के मुख्यमंत्रियों से कई बार मुलाकातें कर भलाई संबंधी मुद्दों हेतु ज्ञापन सौंपे गए। दिनांक 3 सितंबर 2021 को महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी को प्रतिनिधि मण्डल द्वारा राष्ट्रपति भवन में मुलाकात कर ज्ञापन के अलावा 1 लाख 10 हजार से अधिक हस्ताक्षरित पिटीशन उन के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री जी को सौंपा गया।
आज की मीटिंग में निम्न 9 प्वाइंट्स पर मुद्दे पर चर्चा की गई।
1. पैरा मिलिट्री फोर्सेस के सेवारत सेवानिवृत्त एवं शहीद परिवारों के पेंशन, पुनर्वास एवं कल्याण हेतु राज्यों में अर्धसैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाए। आपकी जानकारी हेतु हरियाणा में अर्धसैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना कर दी गई है। इसी संबंध मे WARB चेयरमैन की हैसियत से बाकी राज्य सरकारों के चीफ सेक्रेटरीज से भी कल्याण बोर्डों के गठन हेतु पत्र व्यवहार करने की गुहार लगाई गई
2. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिनांक 23 नवंबर 2012 को जारी आफिस मेमोरेंडम के अनुसार सेना की तर्ज पर अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी एक्स मैन दर्जा दिया गया है जो कि गोवा राज्य को छोड़कर किसी भी राज्य ने लागू नहीं किया जो कि एक चिंता का विषय है। इस विषय में राज्यों के चीफ सेकेट्रीज को चिट्ठी लिख कर पुनः अनुरोध करने को कहा गया।
3. आजादी के बाद भारतीय सेना के जवानों के शहीद परिवारों, रिटायर्ड सैनिकों की पैंशन, पुनर्वास, बेहतर शिक्षा-स्वास्थ्य, चिकित्सा सुविधाओं एवं कल्याणकारी योजनाओं के लिए सेना झंडा दिवस “कोष” की स्थापना की गई है । भारतीय सेनाओं के कल्याण हेतु प्रति वर्ष 7 दिसंबर को करोड़ों रुपए की दान राशि उपरोक्त कोष में आम भारतीयों द्वारा प्राप्त होती है।
इस संबंध में एलायंस प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय गृह सचिव श्री अजय भल्ला जी से दिनांक 2 फरवरी 2021 को नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय में मिला था जिनसे इस तरह के अर्ध सैनिक झंडा दिवस कोष की स्थापना केंद्रीय सैन्य पुलिस बलों के परिवारों के कल्याण हेतु मांग की गई थी। तथा केंद्रीय गृह सचिव द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि उपरोक्त कोष की स्थापना 21 अक्टूबर पुलिस स्मृति दिवस या 31 अक्टूबर सरदार पटेल जी के जन्मदिन की तिथि पर निर्धारित की जाएगी जिस पर निर्णय अभी तक लंबित है। इस संबंध में एक सामूहिक अर्धसैनिक झंडा दिवस कोष (Ex-CAPF Flag day Fund) की स्थापना की निहायत जरूरी है और इसके लिए किसी बजटीय प्रावधान की भी आवश्यकता नहीं है बल्कि आम भारतीय दिल खोलकर इसमें दान करेंगे और दान में मिली धनराशि रिटायर्ड कर्मियों के कल्याण हेतु उपयोग की जा सकेगी।
4. क) केंद्रीय पुलिस कल्याण भन्डार से मिलने वाले घरेलू सामान एवं मदिरा के लिए इस तरह से कैंटीन डिजिटल कार्ड बनाए जाएं ताकि किसी भी सुरक्षा बल के सेवारत एवं सेवानिवृत्त जवानों को जो भी कैंटीन उनके नजदीक पड़ती है उससे वह अपना घरेलू सामान एवं मदिरा ले सके तभी “सीएलएमएस” का सही मायनों में फायदा होगा।
ख) CLMS एप के माध्यम से सभी सुरक्षा बलों के जवानों व रिटायर्ड कर्मेियों को मदिरा सुविधा उपलब्ध की जा रही है लेकिन अचरज कि सीआईएसएफ के जवानो को मदिरा सुविधा का लाभ ना देकर वंचित किया जा रहा है। वजह बताई गई कि सीआईएसएफ जवान अति संवेदनशील जगहों पर तैनात है। यहां यह उल्लेखनीय है कि सीएलएमएस एप के आने स पहले सीआईएसएफ के रिटायर्ड कर्मियों को अन्य फोर्सेज से मदिरा सुविधा मिल रही थी। अत: सीआईएसएफ के रिटायर्ड जवानो को मदिरा सुविधा अन्य फोर्सेज दे सकते हैं। वार्ब चेयरमैन से निवेदन किया गया कि वे सीआईएसएफ व अन्य फोर्सेस की एसओपी में संसोधन जारी कराकर रिटायर्ड सीआईएसएफ कर्मियों को मदिरा सुविधा देने संबंधी आदेश जारी कराएं।
5. पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की बेहतर शिक्षा हेतु सैनिक स्कूलों की तर्ज पर अर्ध सैनिक स्कूलों की स्थापना की जाए। इस बारे में हमारे प्रतिनिधि मंडल द्वारा दिनांक 14 नवंबर 2019 को केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी से नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय में मुलाकात की थी ओर राज्यों की राजधानियों में अर्धसैनिक स्कूलों की स्थापना की मांग दोहराई थी। इसके जवाब में माननीय वित्त मंत्री साहिबा ने आश्वासन दिया था कि अगर गृह मंत्रालय उन्हें इस प्रकार के स्कूल खोले जाने हेतु प्रपोजल भेजेंगे तो अवश्य विचार करेंगी। अतः महोदय सरदार पटेल के नाम पर अर्ध सैनिक या पैरामिलिट्री स्कूल खोले जाने हेतु प्रपोजल गृह मंत्रालय को भिजवाया जाए।
6. केंद्रीय सैन्य पुलिस बलों द्वाराअपने रिटायर्ड कर्मियों को मरोणापरांत आखिरी सम्मान देने हेतु जारी की गई एसओपी के तहत माननीय डीजी सर की ओर से सम्मान के तौर पर मृत शरीर को पुष्पाहार (रीथ) अर्पित किया जाता है। हालांकि बीएसएफ द्वारा अपने रिटायर्ड कर्मियों को मरणोपरांत आखिरी सम्मान देने के लिए एसओपी जारी की गई है और अक्सर देखा गया है कि बीएसएफ द्वारा रिटायर्ड कर्मियों को मरणोपरांत आखिरी सम्मान के तौर पर पुष्पाहार के साथ गार्ड सलामी सम्मान भी दिया जाता रहा है। महोदय से निवेदन किया गया कि अगर रिटायर्ड मृत जवान की अंतिम विदाई के समय पुष्पाहार व गार्ड सलामी सम्मान के साथ ही आर्थिक मदद के तौर पर कल्याण कोष से कुछ धनराशि भी स्वीकृत की जाए तो यह बड़े सम्मान की बात होगी उन रिटायर्ड कर्मियों के लिए जिंहोने तिरंगे की रक्षा के लिए ताउम्र देश सेवाएं दी हो।
7. अपने सीएपीएफ के ओहदेदारों को रक्षा बलों की तर्ज पर रिटायरमेंट के बाद नाम से पूर्व रैंक लिखने की अनुमति हेतु मामला गृह मंत्रालय के अनुमोदन हेतु भेजा जाए।
8. वार्ब के द्वारा सभी रिटायर्ड सीएपीएफ कार्मिकों की सामाजिक आयोजनों में एक अलग पहचान हेतु एक कोमन कैप डिजाइन करा कर उसे भुगतान पर कैंटीन में उपलब्ध कराया जाए।
9. गृह मंत्रालय द्वारा अपने सेवानिवृत्त हुए जवानों के कल्याण एवं पुनर्वास हेतु वार्ब (WARB) की स्थापना 17 मई 2007 को हुई जिसका उद्देश्य अपने सेवानिवृत्त जवानों के बेहतर कल्याण, पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य ,आर्थिक मदद, नौकरियों के देने में मददगार साबित हो साथ ही असामाजिक तत्वों द्वारा सिपाही की जमीन जायदाद वहाँ के पुलिस प्रशासन को पत्र व्यवहार करना जैसे बहुत सारे मसले हैं जिन पर उपरोक्त बोर्ड खरा नहीं उतर रहा है। अक्सर देखने में आया है कि कुछ डिस्ट्रिक्ट वेलफेयर आफिसर तिमाही में होने वाली बैठकें आयोजित नहीं करा पा रहे हैं केंद्रीय स्तर पर वार्ब चेयरमैन द्वारा 2007 के बाद सिर्फ एक बार विभिन्न एक्स पैरामिलिट्री एशोसिएशन प्रतिनिधियों के साथ विज्ञान भवन में केंद्रीय मीटिंग का आयोजन किया गया था उस समय वार्ब चेयरमैन डीजी एसएसबी श्रीमती अर्चना रामासुन्दरम थी।
वार्ड के विस्तार एव पुनर्गठन की जिला स्तर पर आवश्यकता लम्बे समय से महसूस की जा रही है। वार्ब की पुनः संरचना कर पुनर्गठित कर इसमें पूर्व अर्धसैनिकों की एशोसिएशन के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए ताकि पैरामिलिट्री जवानों के परिवारों के साथ समय समय पर होने वाली कठिनाइयों एवं कल्याण संबंधी मुद्दों के बारे में वार्ब को सटीक जानकारी दी जा सकें। केंद्रीय स्तर पर बनी एपेक्स बॉडी में जो 6 स्थाई सदस्य बनाएं गए हैं उनमें रिटायर्ड एडीजी, आईजी को भी मेंबर बना कर विस्तार किया जाए। इसी तरह से राज्यों में कार्यरत SWO व DWO अधिकारियों के साथ रिटायर्ड सीनियर अफसरान, उस जिले व राज्यों में काम करने वाले एक्स पैरामिलिट्री एशोसिएशन के प्रतिनिधियों को सम्माहित कर विस्तार किया जाए। साल में एक बार केंद्रीय स्तर पर वार्ब चेयरमैन द्वारा पूर्व अर्धसैनिकों के साथ दिल्ली के विज्ञान भवन जैसी जगहों पर बैठक आयोजन करने की जरूरत जताई गई।
पूर्व एडीजी एचआर सिंह द्वारा माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए ऐतिहासिक फैसले का जिक्र किया जिसमें पैरामिलिट्री फोर्सेज को भारत संघ के सशस्त्र बल मानते हुए पैरामिलिट्री पुरानी पैंशन बहाली को लागू करने का निर्णय दिया गया लेकिन केंद्र सरकार इस ऐतिहासिक जजमेंट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। डेलिगेशन में शामिल पूर्व आई जी बीएसएफ श्री एमएल वर्मा द्वारा सेवारत एवं सेवानिवृत्त जवानों को पैरामिलिट्री सर्विस पे देने की जरूरत जताई गई साथ ही सातवें वेतन आयोग से पहले सरकार द्वारा उस बयान की याद दिलाई जब तत्कालीन गृह राज्य मंत्री द्वारा संसद में बयान दिया गया था कि अब मिलिट्री सर्विस की तर्ज पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी पैरामिलिट्री सर्विस पे दिया जाएगा।
पूर्व आईजी आईटीबीपी श्री एस के शर्मा ने जो कि एलॉयंस उपाध्यक्ष हैं माननीय डीजी सर को एलॉयंस एशोसिएशन के प्रतिनिधि मण्डल को कीमती समय देने के लिए धन्यवाद दिया साथ ही उम्मीद जताई कि शीघ्र ही निकट भविष्य में पूर्व अर्धसैनिकों के साथ एक बैठक का आयोजन किया जाएगा ताकि फोर्सेज के जवानों व उनके परिवारों के भलाई संबंधित मुद्दे सुलझाएं जा सकें और गृह मंत्रालय के संज्ञान में लाकर उनका समाधान हो सके। अंत में एसोसिएशन के पूर्व अर्धसैनिकों ने डीजी बीएसएफ के बेहतर स्वास्थ्य एवं शोहरत की कामना करते हुए विश्वास जताया कि आपके बीएसएफ डीजी पद व वार्ब चेयरमैन पद पर रहते फोर्सेज नई ऊंचाइयों को छुएगी तथा गृह मंत्रालय के सहयोग से जवानों के सभी लम्बित कल्याणकारी मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय लेकर उचित कार्यवाही की जाएगी।।
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