• DENTOTO
  • न्यूजीलैंड संसद में महिला सांसद ने दिखाई अपनी फर्जी न्यूड फोटो, डीपफेक के खिलाफ कानून की मांग

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    June 2025
    M T W T F S S
     1
    2345678
    9101112131415
    16171819202122
    23242526272829
    30  
    June 23, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    न्यूजीलैंड संसद में महिला सांसद ने दिखाई अपनी फर्जी न्यूड फोटो, डीपफेक के खिलाफ कानून की मांग

    अनीशा चौहान/-  न्यूजीलैंड की संसद में एक अनोखी और चौंकाने वाली घटना ने सबका ध्यान खींचा। ACT पार्टी की सांसद लॉरा मैक्ल्योर ने संसद में अपनी एक फर्जी न्यूड फोटो दिखाकर यह बताने की कोशिश की कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक तकनीक किस तरह से किसी भी व्यक्ति की छवि को क्षति पहुँचा सकती है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक का दुरुपयोग तेजी से बढ़ रहा है और अब समय आ गया है कि इसके खिलाफ सख्त कानून बनाए जाएं।

    सांसद ने खुद को बनाया उदाहरण

    लॉरा मैक्ल्योर ने संसद में अपनी एक डीपफेक न्यूड तस्वीर दिखाते हुए कहा, “यह मेरी नग्न तस्वीर है, लेकिन यह असली नहीं है। इसे बनाने में मुझे 5 मिनट से भी कम समय लगा।” उन्होंने स्पष्ट किया कि इस फोटो के माध्यम से वे यह बताना चाहती हैं कि किसी की फर्जी अश्लील तस्वीर बनाना आज कितना आसान हो गया है। यह न केवल किसी की सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है, बल्कि मानसिक उत्पीड़न का कारण भी बन सकता है।

    डीपफेक के ख़िलाफ़ सख्त क़ानून की ज़रूरत

    लॉरा मैक्ल्योर ‘डीपफेक डिजिटल हार्म एंड एक्सप्लॉइटेशन बिल’ का समर्थन कर रही हैं। इस प्रस्तावित कानून के अंतर्गत बिना सहमति किसी की डीपफेक फोटो या वीडियो बनाना और उसे साझा करना अपराध माना जाएगा। यह विधेयक ‘रिवेंज पोर्न’ और निजी पलों की रिकॉर्डिंग जैसे मामलों से जुड़े मौजूदा कानूनों में बदलाव करेगा, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके और वे ऐसी सामग्री को हटवाने में सक्षम हो सकें।

    तकनीक नहीं, उसका दुरुपयोग है खतरा

    मैक्ल्योर ने यह भी कहा कि तकनीक अपने आप में खतरनाक नहीं होती, लेकिन जब उसका गलत इस्तेमाल होता है, तब वह समाज के लिए गंभीर समस्या बन जाती है। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में कहा, “मैं चाहती हूँ कि संसद के सभी सदस्य इस बात को समझें कि डीपफेक तकनीक के ज़रिये किसी को बदनाम करना कितना आसान हो गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा कानून ऐसे अपराधों से निपटने में सक्षम नहीं हैं, इसलिए कानूनी बदलाव की आवश्यकता है।

    वैश्विक स्तर पर छिड़ी बहस

    लॉरा मैक्ल्योर की यह पहल सिर्फ़  न्यूजीलैंड तक सीमित नहीं रही। दुनियाभर में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है। उनकी बहादुरी और जागरूकता की पहल को कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सराहा है। यह घटना बताती है कि अब समय आ गया है जब डीपफेक तकनीक को नियंत्रित करने के लिए वैश्विक स्तर पर कानूनी ढांचा तैयार किया जाए।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox