नरम और गर्म दोनों विचारधाराओं के मूल थे महर्षि दयानंद :- स्वामी सच्चिदानंद

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
November 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

नरम और गर्म दोनों विचारधाराओं के मूल थे महर्षि दयानंद :- स्वामी सच्चिदानंद

-आजादी के अमृत महोत्सव के तहत महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन -वक्ताओं व श्रोताओं ने कहा स्वामी दयानंद ने ही जलाई थी देशवासियों में आजादी की लौ

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नजफगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- आजादी के अमृत महोत्सव के रूप मे आयोजित महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200 वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन आज महात्मा गांधी समाजकार्य महाविद्यालय, अध्यात्म योग संस्थान और फिट इंडिया क्लब के संयुक्त तत्वावधान में सै.18 द्वारका मे ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से किया गया। जिसका विषय था “स्वतंत्रता संग्राम में महर्षि दयानंद का योगदान”। कार्यक्रम का मंच संचालन जसबीर योगाचार्य ने किया।

                 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी सच्चिदानंद जी ने गर्म दल एवम नरम दल दोनों की विचारधाराओं के मुल महर्षि दयानंद सरस्वती को माना है। उन्होंने कहा की स्वामी दयानंद द्वारा लिखित सत्यार्थ प्रकाश को सभी क्रांतिकारी उसे गीता कहते थे। वह देशभक्तों के पास हमेशा मिलती थी। सत्यार्थ प्रकाश पढकर ही लाखों क्रांतिकारीयों ने अपना जीवन देश के लिए स्वाहा कर दिया था।

                 कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. ईश्वर भारद्वाज ने बताया लगभग सभी क्रांतिकारी आदि महर्षि दयानंद सरस्वती से प्रेरित थे। जिससे 1857 में उन्होंने एक संग्राम की मुहिम तैयार की परंतु क्रांतिकारियो का जोश और उतावलेपन के कारण क्रांति विफल हो गई। देश की आजादी मे महर्षि दयानंद की शिष्य परंपरा का अतुल्य योगदान था। स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती ने लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति से अलग गुरुकुल शिक्षा प्रणाली की स्थापना की। मनुर्भव बनाने की शिक्षा शुरू की जिसको देखकर भारत के तत्कालीन वायसराय द्वारा गुरुकुल को मासिक एक लाख रुपए देने को कहा लेकिन स्वामी श्रद्धानंद ने उसे ये कहते हुए ठुकरा दिया की मैं आप से पैसे नहीं ले सकता। यदि मै आपसे पैसे लूगा तो आप के खिलाफ आंदोलन कैसे करुगा।  
                 

विशिष्ट वक्ता के रूप मे आमंत्रित डॉ. रमेश कुमार ने कहा की महर्षि दयानंद स्वदेशी और स्वराज के प्रथम उद्घोषक थे। सर्व प्रथम उन्होंने ही अग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई और कहा विदेशी राज्य कितना भी अच्छा हो स्वदेशी से अच्छा नहीं हो सकता। डॉ. रवि कुमार ने कहा देशभक्तों के हृदय परिवर्तन एवम् वैचारिक क्रांति कों ही दयानंद कहा गया है। गुरुकुल शिक्षा जीवन दर्शन है इस लिए अपने बच्चों को गुरकुल मे पढाए।   शिक्षक का कर्तव्य याद दिलाते हुए कहा की हर शिक्षक को क्रांतिकारियों का बलिदान दिवस मनाना चाहिए।  

               अंतर्राष्ट्रीय मुख्य वक्ता भारत सरकार द्वारा सूरीनाम दक्षिण अमेरिका के सांस्कृतिक राजदूत डॉ. सोमवीर आर्य ने बताया की महात्मा गांधी द्वारा दक्षिण अफ्रिका मे चलाया गया अश्वेत आंदोलन के समय, स्वामी दयानंद के शिष्य स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती नए उनको 1500 रुपए की सहायता के लिए भेजे थे जो आज के 1.5 करोड़ होते है। स्वामी श्रदनंद ने ही गांधी जी को महात्मा की उपाधि दी थी। भगतसिंह आदि क्रांतिकारियों ने स्वामी दयानंद से प्रेरित होकर संग्राम में लड़ें। आजादी की लड़ाई मे 75 फीसदी क्रांतिकारी आर्य समाज से संबंधित थे।
               विशिष्ट वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की डॉ. मोहिनी आर्य ने बताया पारसमणि तो काल्पनिक है वास्तव में भारत परसमणि से कम नहीं, महर्षि दयानंद ने तीन पुस्तको की रचना की आर्याभिविनय, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका और सत्यार्थ प्रकाश। स्वामी जी ने कहा विदेशी राज्य कितना भी अच्छा हो उसको अपनाना नही चाहिए, स्वदेशी राज्य कितना भी खराब हो उसे अपनाना चाहिए। माता निर्माता भवति, जीजाबाई का उदाहरण दिया एवम् स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा कुरुतियों का विनाश और निर्भीकता का वर्णन किया। मुकेश शास्त्री ने बताया भारत ही ऐसा देश है जहां लोग चरित्र की शिक्षा लेने आते थे। कार्यक्रम के अध्यक्ष शिव कुमार यादव जी ने अपने वक्तव्य मे कहा की आजादी मे महर्षि दयानंद से ज्यादा योगदान किसी का भी नहीं है। इस कार्य कर्म मे मुख्य रूप से डॉ. धर्मवीर यादव, डॉ. नेहा चौहान, डॉ. सुभाषिनी, डॉ. योगेंदर शर्मा, डॉ. नीति अग्रवाल एवं मुकेश शास्त्री आदि गण मान्य लोग मोजूद रहे। अंत में आनंद कुमार ने सभी का धन्यवाद किया।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox