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    नजफगढ़ अनाज मंडी में एफसीआई ने शुरू की एमएसपी पर फसल की खरीद

    -नजफगढ़ अनाज मंडी में एफसीआई की खरीद का निरिक्षण करने पंहुचे किसान संगठनों के नेताओं व भाजपा नेता व एपीएमसी के सदस्य के बीच हुई धक्कामुक्की -एसीपी नजफगढ़ व बाबा हरिदास नगर थााना एसएचओ ने बीचबचाव कर किसान नेताओं को किया शांत
    NM News BJP Leader Nazafgarh Ananj Mandi


    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- नजफगढ़ अनाज मंडी में सरकारी खरीद को लेकर किसानों का वर्षों का इंतजार आज खत्म हो गया। फूड काॅर्पोरेशन आफ इंडिया ने सरकारी निर्देश के तहत नजफगढ़ अनाज मंडी सहित दिल्ली की अन्य मंडियों में भी एमएसपी पर खरीद आज से शुरू कर दी। हालांकि पिछले एक पखवाड़े से मंडियों में किसान सरकारी खरीद का इंतजार कर रहे थे लेकिन कई अड़चनों के बावजूद एफसीआई ने अपनी खरीद शुरू कर दी।
                                 नजफगढ़ अनाज मंडी में एफसीआई के खरीद को लेकर श्रेय लेने की होड़ में आज किसान संगठनों व भाजपा नेताओं के बीच काफी तनाव भी देखने को मिला और मंडी में खरीद के दौरान किसान नेताओं ने भाजपा नेता व एपीएमसी के सदस्य हरेन्द्र सिंघल के साथ धक्कामुक्की कर उन्हे मंडी से बाहर कर दिया। हालांकि इसी बीच सूचना मिलते ही बाबा हरिदास नगर थाना एसएचओ जगतार सिंह व नजफगढ़ एसीपी अपने पूरे दलबल के साथ मौके पर पंहुच गये और बीचबचाव कर किसानों को शांत किया। यहां बता दें कि एफसीआई को फसल खरीद के लिए अनाज मंडी का पार्किंग क्षेत्र दिया गया है। हालांकि कोरोना काल के समय से वहां सब्जी मंडी लगाई जा रही थी जिसकारण एफसीआई को अनाज खरीदने में दिक्कत आ रही थी जिसे देखते हुए एसडीएम विनय कौशिक ने सब्जी मंडी को हटाने के आदेश दे दिये है। वही सब्जी आढ़तियों ने भी 3 दिन का समय मांगा है।
                                मंडी में एमएसपी पर एफसीआई की खरीददारी के साथ ही राजनीतिक पार्टियों में इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई। जहां भाजपा ने इसका श्रेय लेने के लिए सांसद प्रवेश वर्मा को इस खरीद के लिए जिम्मेदार बताया और कहा कि सांसद के प्रयास से ही नजफगढ़ अनाज मंडी में सरकारी खरीद का काम शुरू हुआ है। वहीं आम आदमी पार्टी ने केजरीवाल को आगे करते हुए इसका श्रेय अपने मुख्यमंत्री को दिया है। जिसपर भाजपा नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री व आप नेता सिर्फ झूठ बोलना चाहते है और दूसरों के कार्य का श्रेय लेने के माहिर है लेकिन इसी बीच इस मामले में भारतीय किसान नेता भी कूद पड़े है। भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष विरेन्द्र डागर का कहना है कि मंडी में जो सरकारी खरीद शुरू हुई है उसमें किसान संगठनों का भी बड़ा हाथ है। भाकियू ने एसडीएम व डीएम से मिलकर किसानों के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई है। शुक्रवार को श्रेय लेने की होड़ मंे ही भाजपा नेता हरेन्द्र सिंघल व भाकियू नेता विरेन्द्र डागर के बीच कहासूनी हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि किसानों ने भाजपा नेता को पहले इस मामले राजनीति नही करने को कहा लेकिन जब वह नही माने तो उन्होने मंडी से बाहर जाने के लिए कहा।  लेकिन जब भी वह नही माने तो किसान नेताओं ने उन्हे धक्के मारकर बाहर निकालने की कोशिश की। इस कहा सुनी में भाजपा नेता हरेन्द्र सिंघल ने कहा कि भाजपा के सांसद प्रवेश वर्मा के अथक प्रयासों से यह कार्य हो पाया है लेकिन आम आदमी पार्टी व कुछ किसान संगठन इसका श्रेय लेने की होड़ मचा रहे है। जिसका उन्होने विरोध किया तो उनके साथ कुछ लोगों ने अभ्रदता की। जिसकी उन्होने पुलिस में रिपोर्ट दे दी है। धक्कामुक्की के बीच पुलिस भी आ गई और एसीपी जोगेन्द्र जून ने किसानों व भाजपा कार्यकर्ताओं को समझा बुझाकर मामला शांत कर दिया। लेकिन किसी भी नेता व कार्यकता्र कें खिलाफ कोई मामला दर्ज किया गया हौ ऐसी कोई सूचना नही है।
                          बहरहाल सबसे बड़ी बात यह है कि मंडी में किसानों के लिए एमएसपी पर एफसीआई ने खरीद शुरू कर दी है। लेकिन मंडी के आढ़ती कमीशन व आढ़त को लेकर अपना विरोध जता रहे है। यहां बता दें कि एफसीआई ने किसानों की फसल सीधी खरीदने की कार्यवाही शुरू कर दी है। और खरीद का पूरा पैसा किसानों को देना भी शुरू कर दिया है। लेकिन इस मामले में भी किसानों के सामने एफसीआई की एक शर्त परेशानी का सबब बनी हुई है। जिसको लेंकर किसान नेता विरेन्द्र डागर का कहना हे कि आधार कार्ड, अकाउंट नंबर व फरद की शर्त तो ठीक है लेकिन फसल की गिरदावरी की शर्त ठीक नही है क्योंकि दिल्ली में दो साल से कोई गिरदावरी नही हुई है जिसकारण किसानों के सामने एमएसपी पर फसल बेचना परेशानी का कारण बन गया है। उन्होने प्रशासन से इस शर्त को हटाने की अपील की है और अगर जरूरी हुआ तो कृषि मंत्री से भी भाकियू नेता मिलकर बात करेंगे।
                          इस संबंध में एसडीएम विनय कौशिक ने बताया कि नजफगढ़ देहात में कुल 27 गांव है जिनमें से 21 गांव आर जोन में है और सिर्फ 6 गांव ग्रीन बेल्ट में है। हालांकि ग्रीन बेल्ट की गिरदावरी हो रही है लेकिन आर जोन की गिरदावरी पिछले 2 साल से नही हो रही है जिसकारण किसानों के सामने एक बड़ी समस्या आ गई है। उन्होने कहा कि प्रशासन इस समस्या पर बात कर रहा है और जल्द कोई समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है। उन्होने बताया कि एफसीआइ्र ने गेंहू की खरीद एमएसपी के तहत 1975 रूपये प्रति किवंटल के हिसाब से खरीद रही है और जो किसानों को आढतियों की बजाये सीधी पेमेंट की जा रही है।

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